वैज्ञानिकों ने तैयार की डेंगू की दवा, मिली क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति, 10 हजार डेंगू मरीजों पर होगा ट्रायल

नई दिल्ली, डेंगू पर शोध करने वाले विज्ञानियों ने इसकी दवा तैयार कर ली है। केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान लखनऊ के विज्ञानियों को यह सफलता हाथ लगी है। अब दवा का मेडिकल कॉलेजों में ट्रायल किया जाएगा।

इसमें आगरा का एसएन मेडिकल कालेज भी शामिल किया जाएगा।

अभी तक डेंगू का कोई इलाज नहीं है। लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जाता है। अब विज्ञानी डेंगू की दवा बनाने में कामयाब हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक मरीजों पर दवा का क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति भी मिल गई है। देश के 20 केंद्रों में 10 हजार डेंगू मरीजों पर ट्रायल किया जाना है।

इनमें जीएसवीएम, किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) लखनऊ के साथ आगरा का एसएन मेडिकल कॉलेज भी शामिल किया जाएगा। हर केंद्र 100 मरीजों पर दवा का ट्रायल करेगा। सूत्रों की मानें तो मुंबई की एक बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनी दवा को तैयार करने में जुटी थी।

यह दवा पौधों पर आधारित है। इसे ‘प्यूरीफाइड एक्यूस एक्सट्रैक्ट आफ कुक्कुलस हिरसूटस’ (एक्यूसीएच) कहा जा रहा है। दवा की प्रवृत्ति एंटी वायरल है। दवा की लैब टेस्टिंग और चूहों पर प्रयोग के नतीजे सफल रहे हैं। कंपनी को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआइ) से ह्यूमन ट्रायल की अनुमति भी मिल गई है।

देश के 20 मेडिकल कॉलेजों में ट्रायल की तैयारियां चल रही हैं। इनमें कानपुर, लखनऊ, आगरा, मुंबई, थाणे, पुणे, औरंगाबाद, अहमदाबाद, कोलकाता, बेंगलुरु, मंगलोर, बेलगाम, चेन्नई, चंडीगढ़, जयपुर, विशाखापटनम, कटक, खुर्दा, जयपुर और नाथवाड़ा शामिल हैं।

जरूरी शर्तें

– डेंगू पीड़ित मरीज की उम्र 18 वर्ष से ऊपर हो
– मरीज में डेंगू की पुष्टि 48 घंटे पहले हुई हो
– मरीज को आठ दिन तक अस्पताल में रखा जाएगा
– सात दिन तक उसे दवा की डोज दी जाएगी
– इलाज के 17 दिन बाद तक निगरानी में रहेगा

एसएनएमसी के प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने कहा, ‘अभी तक इस बारे में किसी फार्मास्युटिकल कंपनी ने ट्रायल के लिए संपर्क नहीं किया है। शासन स्तर से भी ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है। ट्रायल के लिए कंपनी और मेडिकल कॉलेज के बीच अनुबंध किया जाता है। सरकार की अनुमति लेनी भी जरूरी है।’

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