लखनऊ, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में कहा कि मेरा बेटा निर्दोष है। उन्होंने कहा कि आज बेटे की तरफ से नोटिस का लिखित जवाब दिया है।
बेटे का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के करण पेश नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बेटा कल जांच एजेंसी के सामने पेश होकर अपने निर्दोष होने के सबूत देगा। अजय मिश्रा ने कहा कि मेरा बेटा कहीं नहीं गया है, वो शहपुरा में अपनी कोठी में है। आपको विश्वास नहीं है तो लखीमपुर चलो।
उन्होंने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है इसका राजनीतिक उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में कोई पक्षपात नहीं होता है। निष्पक्ष जांच होगी, इसमें पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसानों के वेष में कुछ उपद्रवी भीड़ में शामिल थे। अजय मिश्रा ने इस्तीफे के सवाल पर कहा कि ये तो विपक्ष की मांग है।
अजय मिश्रा टेनी शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर अवध क्षेत्र के भाजपा सांसद, विधायक और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होने के लिए लखनऊ पहुंचे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने बैठक ली।
अजय मिश्र टेनी के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया था। इससे पहले आईजी लक्ष्मी सिंह ने मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्र मोनू को पर्यवेक्षण समिति के सामने पेश होने के लिए नोटिस भेजने की बात कही थी, जिसके बाद पुलिस ने आशीष मिश्र मोनू की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी। इसके बाद पुलिस ने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया। इससे कयास लगाया जा रहा कि आशीष मिश्र की गिरफ्तारी शनिवार को हो सकती है।
वहीं, लखीमुपर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुनवाई के दौरान पुलिसिया कार्यवाई में शिथिलता बरतने के चलते राज्य सरकार को मुख्य न्यायाधीश के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। उन्होंने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए सवाल किया है कि क्या हत्या के आरोपियों को पुलिस नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाती है? सीजेआई ने पूछा है कि अब तक हत्यारोपित को हिरासत में किस आधार पर नहीं लिया गया? कोर्ट के सवालों का जवाब देते हुए राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि किसानों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली के घाव नहीं दिखे, इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया था। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से दो कारतूस बरामद हुए हैं। इससे लगता है कि आरोपी का निशाना कुछ और था।
आशीष मिश्र को नोटिस भेजे जाने के मामले में कोर्ट ने टिप्पणी की कि जिस व्यक्ति पर मौत या गोली से घायल करने का आरोप है, उसके साथ इस देश में इस तरह का व्यवहार किया जाएगा? इस पर वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अगर व्यक्ति नोटिस के बाद नहीं आता है तो कानूनी सख्ती का सहारा लिया जाता है।
लखीमपुर बवाल को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने की मांग लगातार उठ रही है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका से लेकर अन्य पार्टियों के नेता भी अजय मिश्र को बर्खास्त करने की मांग कर चुके हैं। सपा जिला अध्यक्ष का कहना है कि मुख्य आरोपी भाजपा सरकार की शह पर खुलेआम घूम रहे हैं। साक्ष्य मिटाने की कोशिश हो रही है। लखीमपुर पीलीभीत समेत कई जनपदों की इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं। ऐसा लगता है कि सरकार सच्चाई छुपाने का प्रयास कर रही है। हालात बिल्कुल आपातकाल जैसे हैं।