जूस का एक छोटा सा ग्लास ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में कर सकता है आपकी मदद

हमारे शरीर का ब्लड प्रेशर लेवल दिन में कई बार बदलता है. इसे कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है. खासतौर से डायबिटीज रोगियों को तो इस मामले में ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है।

डायबिटीज और हाई ब्लड शुगर (हाइपरग्लाइसीमिया) की समस्या में इंसान को बहुत ज्यादा प्यास लगती है. इसके अलावा आंखों में धुंधलापन और उल्टी जैसे लक्षण भी महसूस होते हैं. मन बेचैन सा रहता है. मुंह के अंदर सूखापन महसूस होता और बहुत ज्यादा थकावट होती है।

डॉक्टर्स कहते हैं कि ब्लड शुगर लेवल को कम करने से पहले उसे चेक करना जरूरी है. डायबिटीज के रोगी ब्लड प्रेशर को मीटर और टेस्ट स्ट्रिप के जरिए मॉनिटर करते हैं. डायबिटीज से पीड़ित किसी इंसान का खाने से पहले ब्लड शुगर लेवल 4.0 to 5.9 mmol/L होना चाहिए. टाइप-1, टाइप-2 और डायबिटीज से पीड़ित बच्चों का ब्लड शुगर लेवल 4 से 7 mmol/L होना चाहिये।

डायबिटीज यूके की सीनियर क्लीनिकल एडवाइजर एस्थर वॉल्डन कहती हैं कि टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोग ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करके हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेलियर और आंखों से जुड़ी समस्याओं का जोखिम कम कर सकते हैं. एक्सपर्ट ने दावा किया है कि जूस का एक छोटा सा ग्लास ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में आपकी मदद कर सकता है।

एक हालिया स्टडी में ऐसा दावा किया गया था कि अनार का जूस पीने से ब्लड शुगर लेवल 15 मिनट में कम हो सकता है. स्टडी में हिस्सा लेने वाले लोगों को दो ग्रुप में बांटकर शुगर ड्रिंक और अनार का जूस दिया गया था. इसमें शोधकर्ताओं ने देखा कि अनार के जूस का शरीर में ग्लूकोज रिस्पॉन्स कम होता है. निष्कर्ष बताता है कि अनार का जूस डायबिटीज से पीड़ित लोगों के शरीर में ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने में मददगार है।

यह परिणाम उन लोगों में देखे गए जिनका वजन नॉर्मल था और उन्हें पीने के लिए 230ml जूस दिया गया था. पानी से वॉलंटियर्स के ब्लड शुगर लेवल में किसी तरह का बदलाव नहीं देखा गया. जबकि अनार का जूस पीने के 15 से 30 मिनट के अंदर ब्लड शुगर लेवल में गिरावट आई. रिपोर्ट में ब्लड शुगर लेवल कम करने के कई और भी तरीके बताए गए हैं।

वॉक पर जाएं– ऑप्टिबैक प्रोबायोटिक्स की न्यूट्रिशनल थेरापिस्ट कैरी बीसन कहती हैं कि नियमित रूप से वॉक पर जाने से भी इंसान का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है. दरअसल वाकिंग एक्सरसाइज से हार्ट रेट बढ़ता है और सांस तेज होती है. इससे हमारे शरीर के हर हिस्स में खून पहुंचता है और मांसपेशियों को सपोर्ट करता है. आप दिन में 15 से 30 मिनट वॉक कर सकते हैं।

स्ट्रेस रिलीफ– अगर आप वॉक नहीं करते तो कुछ ऐसी एक्सरसाइज कर सकते हैं जो तनाव कम करने में भी मददगार हैं. उन्होंने बताया कि योग से भी ब्लड शुगर लेवल को घटाया जा सकता है. इसके अलावा अपने शरीर को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें. शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए हमें रोजाना करीब दो लीटर पानी पीना चाहिए।

हाई शुगर डाइट– इसमें कोई संदेह नहीं कि हाई शुगर फूड का असर हमारे ब्लड शुगर लेवल पर भी पड़ता है. मुख्य रूप से हमें प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड का सेवन करने से बचना चाहिए जिनमें बहुत ज्यादा शुगर होती है. ऐसे में लोगों को कार्ब्स युक्त पदार्थों का सेवन कम करना चाहिए. शुगर ड्रिंक, व्हाइट राइस (सफेद चावल) या व्हाइट ब्रेड जैसी चीजों को खाने से बचें।

डायबिटीज में क्यों खास है अनार?
अनार में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. इसमें ग्रीन टी और रेड वाइन के लगभग तीन गुना एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. ये ऑक्सीडेंट्स डायबिटीज जैसी बीमारी या फ्री रेडिकल्स से होने वाली डैमेज से लड़ते हैं. एक्सपर्ट्स दावा करते हैं कि अनार के बीज इंसुलिन सेंसिटिविटी को दुरुस्त करते हैं जो डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद है।

इसके अलावा, अनार में काफी कम मात्रा में कार्ब्स होती है. 100 ग्राम अनार में केवल 19 ग्राम कार्ब्स होती है. कार्बोहाइड्रेट के जल्दी मेटाबलाइज्ड होने की वजह से ब्लड शुगर लेवल तुरंत हाई हो जाता है. इसीलिए डायबिटीज रोगियों को लो कार्ब्स फूड्स खाने की सलाह दी जाती है. अनार का अनुमानित ग्लाइसेमिक लोड (जीएल) 18 है, जो इसे ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने के लिए एक बेहतरीन फल बनाता है।

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