उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त बहन-बेटियां असुरक्षित , जंगलराज का अंत 2022 में निश्चित : चंद्रशेखर आजाद

लखनऊ, आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। बहन-बेटियां असुरक्षित हैं। हम अपनी बहन-बेटियों की रक्षा करना जानते हैं, इसलिए मुख्यमंत्री यह बात चेत-समझ लें।

वह बृहस्पतिवार को डॉ. आंबेडकर पार्क में धरना देने आए अकराबाद कांड के अनुसूचित जाति के पीड़ित परिवार से मिलने आए थे। इस दौरान परिवार से बातचीत के बाद मीडिया से उन्होंने ये बातें कहीं। खबर है कि चंद्रशेखर एक बार फिर परिवार से मिलेंगे इसीलिए प्रशासन की ओर से आधी रात को धरना खत्म कराने की कोशिश की गई।

उन्होंने पत्रकारों से कहा कि कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए आजाद समाज पार्टी धरातल पर काम करेगी। लोधा में 14 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में बेटियां सुरक्षित होने का भाषण दिया था, जबकि हाथरस की घटना से पूरा देश कलंकित हुआ था। प्रधानमंत्री वह कहते हैं, जो सरकार चाहती है। उत्तर प्रदेश में जंगलराज है, यहां 8 बजे के बाद बहन-बेटियां घर से बाहर नहीं निकल सकती हैं। उन्होंने कहा कि जंगलराज का आलम है यह है कि पिछले दिनों बिजनौर में दोपहर दो बजे गोली मारकर राष्ट्रीय खिलाड़ी की हत्या कर दी जाती है। इस घटना की जांच एसआईटी से होनी चाहिए।

चंद्रशेखर ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि साढ़े चार साल में बहन-बेटियों को सुरक्षित नहीं कर पाए। हाथरस में जाकर पीड़ित परिवार से मिलकर निर्णय लेंगे, वह वापस नहीं जाने वाले हैं। सरकार नौकरी व आवास का वादा किया था, लेकिन अभी भी परिवार डर के साये में जी रहा है। इसलिए वह हाथरस जा रहे हैं। जिले में चार-पांच घटनाएं हुई हैं। छेड़खानी की रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी हैं। उत्तर प्रदेश में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। कानून-व्यवस्था को ठीक करने के लिए आजाद समाज पार्टी धरातल पर काम करेगी। मुख्यमंत्री चेत और समझ लें, बहन-बेटियों की रक्षा करना जानते हैं। वह आपकी (योगी) निकम्मी सरकार के भरोसे नहीं हैं। जंगलराज का अंत 2022 में निश्चित है।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री चौ. महेंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश मौर्य, मुकेश कुमारी, नितिन वाल्मीकि, हरिओम माहौर, मो.रिजवान, जावेद, पुष्पेंद्र आदि मौजूद रहे। इसके बाद वे छर्रा व हरदुआगंज के पीड़ित परिवारों से मिले। आंबेडकर पार्क आने से पहले आजाद का गभाना टोल पर स्वागत किया गया और वहां से वे नगला मान सिंह स्थित पार्टी कार्यालय पहुंचे। वहां स्वागत व बातचीत के बाद आगे के लिए रवाना हुए।

अकराबाद कांड के पीड़ित परिवार के धरना हटाने का आधी रात को हुआ प्रयास। पुलिस प्रशासन के अधिकारी पहुंचे। परिवार को समझाया गया। काफी प्रयास के बाद भी परिवार नहीं माना। अधिकारी वापस लौटे। कहा जा रहा है कि चंद्रशेखर एक बार फिर पीड़िक परिवार से मिलने आ सकते हैं इसीलिए आधी रात को धरना खत्म कराने का प्रयास किया गया।

अकराबाद की युवती की हत्या को लेकर उन्होंने तीसरे दिन भी धरने पर बैठे परिवार से करीब 15 मिनट तक बातचीत की। इस दौरान पूरा प्रकरण समझने के बाद कहा कि वह हर तरह से परिवार के साथ हैं। अभी यहां से कुछ अन्य पीड़ित परिवारों से मिलकर कासगंज और फिर हाथरस जाना है। परिवार ने उन्हें बताया था कि 25 सितंबर तक का समय प्रशासन की ओर से है। 25 को वे जिलाधिकारी आवास घेरेंगे। इस पर उन्होंने परिवार के सामने कहा कि हाथरस से लौटकर यहां आऊंगा। डीएम व एसएसपी से मुलाकात करने के बाद परिवार के साथ रहूंगा। फिर परिवार जैसे कहेगा, उसी अनुसार निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने जाते-जाते यहां तक कहा कि 25 सितंबर तक इंतजार करने की क्या जरूरत है। जो करना है, इसी समय किया जाए।

जिस वक्त आजाद पहुंचे थे, उससे पहले आप के पदाधिकारी धरने में शामिल हो चुके थे और धरने का नेतृत्व पूरी तरह आप के पदाधिकारियों के हाथों में था। वे लोग अपनी तरह से नारेबाजी कर रहे थे। आजाद के पहुंचने और परिवार से बातचीत के दौरान आप नेताओं की नारेबाजी के बीच आजाद समर्थकों ने अपने तरह से नारेबाजी शुरू कर दी। इससे कुछ देर वहां टकराव के हालात बने। मगर आजाद कुछ देर ही रुके और चले गए।

पीड़ित परिवार द्वारा दिए जा रहे धरने पर तीसरे दिन बृहस्पतिवार को बहुजन जागरूकता मंच के सचिन माइकल डेन पूरी तरह अपनी टीम के साथ मौजूद रहे। इस दौरान दिन में पूर्व विधायक जमीरउल्लाह भी अपने लोगों के साथ गए और परिवार के साथ धरने पर बैठकर काफी देर तक उनसे वार्ता की। इसके अलावा धरना स्थल पर दिन भर बसपा के अलावा अन्य तमाम संगठनों के नेताओं की आवाजाही लगी रही।

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