मुज़फ्फर नगर, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावमें राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सरकार को उखाड़ फेंकने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि जिसके पास पैसा है वह सरकार से रेल की पटरी और गंगा में चलने वाले जहाज़ भी खरीद सकता है. पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार पर कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान तथ्यों को छुपाने का भी आरोप लगाया और पूछा कि सरकार को कौनी सी बीमारी है जिससे उसकी आंखें और कान बंद हो गए हैं.
अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला करते हुए आरोप लगाया, ”भारतीय जनता पार्टी अपने को देश प्रेमी बताती है, पर इसका देश प्रेम ऐसा है कि देश में अगर किसी के पास पैसा है तो वह (इस सरकार से) रेल की पटरी भी खरीद सकता है. यह सरकार गंगा में चलने वाले जहाज़ और उनके खड़ा होने की जगह भी बेच सकती है.” भदोही में शिक्षक दिवस पर रविवार को समाजवादी पार्टी शिक्षक सभा के अधिवेशन को संबोधित करते हुए सपा प्रमुख यादव ने मुजफ़्फरनगर में आयोजित किसान महापंचायत की चर्चा करते हुए कहा कि पश्चिम (उत्तर प्रदेश) में अगर एक लाख किसान इकट्ठा हुए हैं तो यहां की भी एक लाख जनता उनके साथ खड़ी हुई है.
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि यह किसान विरोधी सरकार है जो काले क़ानून लेकर आई है. सपा प्रमुख ने कहा कि अगर बंगाल में बीजेपी को वहां की जनता ने उखाड़ फेंका है तो उत्तर प्रदेश की जनता भी यहां बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकेगी. यादव ने दावा किया ”यह अकेली ऐसी सरकार है जो गंगा को उलटा बहाने की बात करती है. जब इस सरकार ने ज़बरदस्ती चुनाव कराये तो सैकड़ों शिक्षकों की जान चली गई.” महामारी के दूसरी लहर के दौरान गंगा नदी से शव मिलने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने दावा किया, ”इस सरकार के मुखिया बाबा (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) ने कहा कि गंगा में जो शव यहां मिले वह उत्तर प्रदेश में बिहार से बहकर आए हैं.”
अखिलेश ने कहा कि दुनिया जानती है कि गंगा उत्तर प्रदेश से बिहार को बहती है पर उत्तर प्रदेश सरकार इसे उलटा बहाने की बात करती है. यादव ने उनके नेतृत्व वाली पूर्व सरकार द्वारा प्रदेश में शुरू की गई परियोजनाओं का बीजेपी नीत सरकार पर उद्धाटन करने का आरोप लगाया. उन्होंने लोगों को विश्वास दिलाते हुए कहा, ”आने वाले चुनाव में इस भारतीय जनता पार्टी की सरकार का जाना तय है, क्योंकि जब कोरोना काल था तो हमने सरकार के नियमों का पालन करते हुए नाक और मुंह को ढक कर रखा था लेकिन इस सरकार को ऐसी कौन सी बीमारी है जो इसके आंख और कान तक बंद हैं.”