लखनऊ, चारबाग स्टेशन से मोहनलालगंज तक के लिए रात में ऑटो से सवारी तलाशते थे। रास्ते में सुनसान जगह सवारी से लूटपाट करते थे। विरोध पर गिरोह की मास्टरमाइंड महिला दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजने की धमकी देती थी। ऐसे एक गिरोह का खुलासा पीजीआई पुलिस ने किया।
गिरोह की महिला, उसके पति के साथ एक और साथी को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों में नगराम के हसनपुर कनेरी निवासी मंजू देवी, उसका पति अवधेश कुमार और दोस्त राजाजीपुरम निवासी यूनुस अली है। पुलिस ने ऑटो, बाइक, नकदी व मोबाइल बरामद किया है।
प्रभारी निरीक्षक पीजीआई आनंद प्रकाश शुक्ला के मुताबिक, बृहस्पतिवार रात को करीब दो बजे एक व्यक्ति ने कॉल कर मोबाइल व रुपये लूटने की सूचना दी। पुलिस ने तत्काल मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लिया तो लोकेशन चारबाग स्टेशन पर मिली। पुलिस वहां पहुंची तो मंजू को देखते ही एक बार ठिठक गई। फिर मंजू, अवधेश व यूनुस तीनों को हिरासत में लिया। थाने में हुई पूछताछ में आरोपियों ने कुबूला कि एक महीने में 15 से 20 लोगों से लूट कर चुके हैं।
ऐसे अंजाम देते थे वारदात पुलिस के मुताबिक, गिरोह रोज रात को चारबाग स्टेशन पहुंच जाता था। मंजू ऑटो में रहती थी जबकि अवधेश व यूनुस सवारियां तलाशते थे। गिरोह युवकों व पुरुषों सवारियों को निशाना बनाता था। चारबाग से पीजीआई, मोहनलालगंज इलाके में जाने वाली एक या दो सवारियों को ऑटो में बैठाते थे। सुनसान स्थान पर पहुंचते ही मंजू छेड़छाड़ का आरोप लगाकर शोर मचाना शुरू कर देती थी। इस पर ऑटो रोककर दोनों साथी उसकी पिटाई करने लगते थे। छेड़छाड़ व दुष्कर्म के आरोप में जेल भेजने की धमकी देकर लूटपाट करते थे।
पीजीआई पुलिस के मुताबिक, कुछ दिन पहले थाने पहुंचे अवधेश ने एक युवक पर पत्नी के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए तहरीर दी। मंजू ने उक्त युवक का मोबाइल नंबर भी दिया। आरोप था कि युवक उसे लेकर होटल में गया और दुष्कर्म किया। पुलिस ने होटल की पड़ताल की और सीसीटीवी खंगाले तो आरोप गलत मिला। पुलिस ने युवक से तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया।