लखनऊ, प्रदेश में डेंगू, वायरल व अन्य बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. प्रदेश में अब तक डेंगू के 409 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. वहीं 66 मामले संदिग्ध हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है. इसके अलावा 22 मामले ऐसे भी हैं जो अब तक ट्रेस नहीं हो पाए, यानी बुखार की वजह क्लियर नहीं है. इनकी भी जांच चल रही है. अब तक सर्वाधिक 107 डेंगू के मामले मथुरा में सामने आए हैं. इसी तरह वाराणसी में डेंगू के 69 मामले आये जिसमे 66 की पुष्टि हो चुकी है. फिरोजाबाद में डेंगू के 49 मामले आ चुके हैं. कानपुर नगर में 21 मामलों में 13 की पुष्टि हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया कि, जिस तरह कोरोना मैनेजमेंट किया वैसे ही डेंगू, मलेरिया और अन्य मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण किया जा रहा है. निजी अस्पतालों को भी इलाज के लिए चिन्हित किया है. सभी जिलों में नोडल अफसर तैनात किए हैं. साफ सफाई, इलाज हर मोर्चे पर काम हो रहा है. फिरोजाबाद में हालात काफी बेहतर हुए हैं. सभी मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों को जरूरी निर्देश भेज दिए गए हैं. विपक्षियों की तरफ से डेंगू के मामलों को लेकर निशाना साधने पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, उनका काम ही यही है. लेकिन हमें अपना काम करना है. हालात नियंत्रण में रहे और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, वो सुरक्षित रहे इसके लिए काम कर रहे हैं।
बात लखनऊ की करें तो अब तक डेंगू के 84 मामले आये हैं. इसमे से 71 मामले कन्फर्म हो चुके हैं. जबकि 13 की पुष्टि बाकी है. लखनऊ में हालात को काबू करने के लिए लगातार अफसर फील्ड पर हैं. आज भी डीएम अभिषेक प्रकाश ने इसे लेकर नगर आयुक्त, सीएमओ, नगर स्वास्थ्य अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों साथ बैठक की. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि, सभी अस्पतालों में बेड रिजर्व किये जा रहे हैं. शहर को 40 जोन में बाँटकर नोडल अधिकारी तैनात किये हैं. जिनके नीचे 80 रैपिड रिस्पांस टीम बनाई हैं. प्राइवेट हॉस्पिटल व नर्सिंग होम भी चिन्हित किये हैं. इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम से भी काम शुरू कर दिया है।
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि, फैजुल्लागंज समेत 11 हॉटस्पॉट चिन्हित किये हैं. सभी जगह एन्टी लार्वा छिड़काव, फॉगिंग, खाली प्लाट को साफ करवाना ये कार्रवाई जारी है. दिन में दो बार कूड़ा उठवाया जाएगा. इसके निर्देश भी दिए गए हैं. फैजुल्लागंज को लेकर नगर आयुक्त ने कहा कि, इस इलाके की टोपोग्राफी ऐसी है जहां पानी रुकता है, यहां अनियोजित बनावट से समस्या है. यहां ड्रेनेज, सीवरेज का प्रोजेक्ट शासन को भेजा है. अगर अमृत योजना में लिया तो परमानेंट समाधान निकल आएगा।
सिविल अस्पताल समेत सभी जगह बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है. सिविल अस्पताल के सीएमएस व कार्यवाहक निदेशक डॉ. एसके नंदा ने बताया कि, हर साल अमूमन डेंगू के मामले अक्टूबर- नवंबर में आते थे. लेकिन इस बार पहले ही आ गए. नसप्ताल में 17 बेड का वार्ड तैयार है जबकि मरीज बढ़ने पर 60 बेड तक तत्काल व्यवस्था की तैयारी की है. डॉ. नंदा ने बताया कि, पहले जहां एक दिन में बुखार के 70 से 80 मरीज आते थे अब 115 से 120 आ रहे हैं।