जम्मू, जम्मू-कश्मार में हुर्रियत के पूर्व नेता सैयद अली शाह गिलानी का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने बुधवार रात हैदरपुरा स्थित अपने घर पर 10.35 बजे अंतिम सांस ली। सुबह 4.30 बजे उन्हें सुपुर्दे-खाक कर दिया गया। प्रशासन ने एहतियातन घाटी में इंटरनेट बंद कर दिया है।
सैयद अली शाह गिलानी का जन्म 29 सितंबर 1929 को सोपोर में हुआ था। उनकी कॉलेज की पढ़ाई लाहौर से हुई थी। उन्हें हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का उदारवादी चेहरा माना जाता था। वे कश्मीर की सोपोर विधानसभा सीट से 3 बार विधायक भी रहे थे। सैयद अली शाह गिलानी कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते थे और उसे अलग करने की मांग करते थे। यही कारण है कि हिंदुस्तान में उन्हें अलगाववादी नेता कहा जाता था।
गिलानी के परिवार में दो बेटे और चार बेटियां हैं। इससे पहले बुधवार रात पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर सैयद अली शाह गिलानी की मौत की पुष्टि की। महबूबा मुफ्ति ने ट्वीट कर गिलानी के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, गिलानी साहब के निधन की खबर से दुखी हूं। हम ज्यादातर चीजों पर सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन मैं उनकी दृढ़ता और उनके विश्वासों के साथ खड़े होने के लिए उनका सम्मान करती हूं। अल्लाह तआला उन्हें जन्नत प्रदान करें और उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदनाएं।
गिलानी को हाल ही में 14.4 लाख रुपये का जुर्माना भरने के लिए एक रिमाइंडर नोटिस भेजा गया था, जो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत उन पर लगाया गया था।