बरेली. जनपद के शाहजहांपुर से गिरफ्तार तबलीगी जमात के लोगों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने बरी कर दिया है. पहली कोरोना लहर में जमातियों को देश के अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया था। उसी दौरान शाहजहांपुर से भी बारह तबलीगी जमातियों को हिरासत में लिया गया था. जिममें नौ विदेशी और कुछ देश के ही जमाती शामिल है।
कोरोना काल के समय मे ये सभी लोग दिल्ली स्थिति हजरत निजामुदृीन दरगाह से आकार शाहजहांपुर के मोहल्ला खलीलशर्की स्थित मरकज में रुके थे. सूचना पर पहुंची सदर बाजार थाने की पुलिस ने वहां दबिश देकर थाईलैंड के जमाती हसई, सोब्री, युसुफ, हारिश, अब्दुल, रोरसा, सुराचाई, मखोशी, मारुफी और हसनमीना के अलावा दो तमिलनाडु व एक मरकज के केयरटेकर को गिरफ्तार किया था।
सभी को पुलिस ने पहले तो क्वारंटीन किया और फिर जिला जेल में शिफ्ट कर दिया। हाई कोर्ट के निर्देश पर शाहजहांपुर व मुरादाबाद और बिजनौर जिलों के तबलीगी जमात से जुड़े सभी मुकदमों को बरेली की कोर्ट में भेज दिया गया था. कोर्ट में प्रक्रिया शुरू हुई तो जमातियों के वकील ने अर्जी देकर कहा था कि उन लोगों के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता. उन्हें आरोप मुक्त किया जाए. लेकिन कोर्ट ने उनकी यह अर्जी खारिज कर दी. इस आदेश के बाद तबलीगी अभियुक्त सेशन अदालत चले गए. वहां पर भी इन लोगों की ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ कोई अपराधिक आरोप नहीं बनता।
उनकी गलती सिर्फ इतनी है कि अफरातफरी में उन लोगों से कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ है. सेशन अदालत ने उन्हें कोई राहत न देते हुए यह अपील भी खारिज कर दी. तबलीगी जमातियों से जुड़े मामले की सीजेएम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। मुरादाबाद व बिजनौर जिले के मामले उनके जिले की अदालत में वापस भेज दिए गए। शाहजहांपुर में गिरफ्तार किए गए 12 तबलीगियों के मामले पर यहां सुनवाई शुरू हुई. हालांकि शुक्रवार को अदालत ने इन सभी को रिहा कर दिया. दोषमुक्त होने वाले तबलीगी जमातियों में नौ लोग थाईलैंड, दो तमिलनाडु और एक स्थानीय निवासी है।