नई दिल्ली, दवा कंपनी जायडस कैडिला ने शनिवार को कहा कि उसे सितंबर के मध्य से अंत तक अपने कोविड-19 टीके जायकोव-डी की आपूर्ति शुरू होने की उम्मीद है। कंपनी ने बताया कि इस टीके की खुराक कीमत की घोषणा अगले कुछ हफ्तों में करेगी।
जायडस कैडिला के स्वदेश में विकसित सुई रहित कोविड-19 रोधी टीके को भारत के औषधि महानियंत्रक ने शुक्रवार को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इस टीके को 12-18 साल के आयुवर्ग को दिया जा सकता है।
जायडस कैडिला के प्रबंध निदेशक शरविल पटेल ने वर्चुअल माध्यम से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिलने के बाद अब हम अपने टीके की आपूर्ति की कीमत और तरीके पर काम करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम करेंगे। अगले एक या दो सप्ताह में हम टीके की कीमत के बारे बता सकेंगे।”
उन्होंने कहा, ”कंपनी की उम्मीद है कि सितंबर के मध्य से अंत तक हम टीकों की आपूर्ति शुरू कर सकते हैं। जैसा कि मैंने कहा था कि हमें उत्पादन एक करोड़ खुराक तक बढ़ाने की जरूरत है। हमें विश्वास है कि अक्टूबर तक हम इसे हासिल कर सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा, ”हमें विश्वास है कि अक्टूबर तक हम एक करोड़ टीकों का उत्पादन शुरू कर देंगे और इसका मतलब है कि जनवरी के अंत तक हम 4 से 5 करोड़ टीके का उत्पादन कर सकते हैं।”
टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसी कंपनी के साथ साझेदारी करने को लेकर पटेल ने कहा कि जायडस कैडिला सक्रिय रूप से भागीदारी के माध्यम से देश में और देश के बाहर भी उत्पादन में तेजी लाने पर विचार कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जायडस कैडिला के कोविड टीके जायकोव-डी को भारत के औषधि महानियंत्रक से मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी को एक बेहद महत्वपूर्ण क्षण बताया और कहा कि विश्व के पहले डीएनए-आधारित कोविड-19 रोधी टीके को मंजूरी मिलना भारत के वैज्ञानिकों के नवोन्मेषी उत्साह का प्रमाण है।
इससे पहले देश में पांच टीकों को मंजूरी मिली है। इनमें सीरम इंस्टिट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूसी टीका स्पूतनिक वी, तथा अमेरिका का मॉडर्ना तथा जॉनसन एंड जॉनसन का टीका शामिल है। इन टीकों में से कोविशील्ड, कोवैक्सीन एवं स्पूतनिक वी का देश में इस्तेमाल हो रहा है। इस मंजूरी के साथ जायकोव-डी छठा टीका हो जाएगा।