नई दिल्ली, पृथ्वी के निर्माण को लेकर कई तरह की थियोरीज सामने आती रहती है. हालांकि, किसी को नहीं पता कि वाकई पृथ्वी का निर्माण कैसे हुआ था? करोड़ों सालों में पृथ्वी पर कई तरह के बदलाव आए हैं।
इन बदलावों की वजह से कई तरह के जीव-जंतु भी पृथ्वी से गायब हो चुके हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण पृथ्वी से डायनासोर के खत्म होने का है. कहा जाता है कि पृथ्वी से बेहद बड़ा उल्कापिंड टकराया था जिसके बाद डायनासोर का खात्मा हो गया था. इसके बाद से अब तक कई बार पृथ्वी से उल्कापिंड टकराने की नौबत आ चुकी है.
कोरोना काल में ऐसे कई उल्कापिंड पृथ्वी के नजदीक से गुजर चुके हैं जो ताबाही मचा सकती थी. इन उल्कापिंडों की वजह से लोगों में खौफ का माहौल बन जाता है. अब एक बार फिर नासा ने बताया है कि 21 अगस्त यानी आज पृथ्वी के बेहद नजदीक से विशालकाय उल्कापिंड टकरा सकता है. ये उल्कापिंड दुबई के बुर्ज खलीफा से भी बड़ा है. ये शनिवार को पृथ्वी के बेहद नजदीक से गुजरेगा. अगर गलती से भी इसने पृथ्वी को छुआ तो आ जाएगी भीषण तबाही।
नासा के रिकार्ड्स के मुताबिक, ये उल्कापिंड एक हजार पत्थरों का समूह है. इसे “2016 AJ193” नाम दिया गया है. ये उल्कापिंड पृथ्वी की तरफ 58 हजार 538 mph की स्पीड से बढ़ रहा है. स्पेस एजेंसी नासा लगातार इसपर नजर रख रही है. जिस स्पीड से ये बढ़ रहा है, उसके हिसाब से उल्कापिंड पृथ्वी से आज यानी 21 अगस्त को पृथ्वी से टकराएगा. साइंटिस्ट्स ने बताया कि शनिवार को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट में ये पृथ्वी से टकरा सकता है।
नासा ने बताया कि ये पत्थर एफिल टावर से भी बड़ा है. इसके अलावा इसके साइज के सामने दुबई का बुर्ज खलीफा भी छोटा पड़ जाएगा. इसके अलावा एम्पायर स्टेट बिल्डिंग से तीन गुना ज्यादा है इसका साइज. इस पत्थर पर साइंटिस्ट्स की नजर जनवरी 2016 से थी. तभी से इसने पृथ्वी की तरफ रुख कर लिया था. अब जाकर ये धरती के नजदीक आकर इसके पास से गुजरने वाला है. सइंटिस्ट्स का कहना है कि अगर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से पत्थर पर असर हुआ तो ये धरती से टकरा सकता है. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो पत्थर पृथ्वी के बगल से गुजर जाएगा.