यदि ATM से नही निकलता है पैसा तो इस नंबर पा करिये शिकायत, बैंक RBI को देगा 10 हज़ार रुपये जुर्माना

नई दिल्ली, ड्राई एटीएम’ के खिलाफ रिजर्व बैंक ने बड़ा ऐलान किया है. यहां ड्राई एटीएम का अर्थ वैसे एटीएम से है जिसमें पैसे खत्म हो गए हों. मान लें कोई ग्राहक ने एटीएम में डेबिट कार्ड लगाया लेकिन पैसे न निकलें।

एटीएम से मैसेज मिले कि पैसे खत्म हो गए हैं. इस स्थिति को तकनीकी भाषा में ड्राई एटीएम कहते हैं. रिजर्व बैंक ने ड्राइ एटीएम को लेकर बड़ा फैसला किया है. देश के केंद्रीय बैंक ने कहा है कि जिस बैंक का एटीएम बिना पैसे का होगा, उस बैंक के खिलाफ 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इस स्थिति में ग्राहक रिजर्व बैंक के टि्वटर या फेसबुक पेज के अलावा फोन नंबर 011 23711333 पर फोन कर सकता है.

बैंकों के अलावा व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेशन (WLAO) के लिए भी रिजर्व बैंक ने नियम जारी किया है. डब्ल्यूएलएओ कंपनियों के जरिये अलग-अलग बैंकों के एटीएम में पैसे डालते हैं. रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि एटीएम में पैसे खत्म न हों. जो बैंक इस नियम का पालन नहीं करेगा उस पर जुर्माना लगाया जाएगा. यह जुर्माना आर्थिक होगा और इसमें बैंकों को 10,000 रुपये चुकाने होंगे. यह नियम 1 अक्टूबर, 2021 से लागू हो रहा है. यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि बैंक एटीएम में हमेशा कैश बनाए रखें और ग्राहक को बिना पैसे लिए न लौटना पड़े।

 

रिजर्व बैंक ने कहा है कि बैंकों को हर हाल में सुनिश्चित करना है कि एटीएम में बराबर पैसे बने रहें. इसके लिए बैंकों और डब्ल्यूएलएओ को हमेशा निगरानी बनाए रखनी होगी. एटीएम पर हमेशा निगाह रखनी होगी कि पैसे खत्म न हों. इसके लिए बैंक और WLAO एक मेकेनिज्म बना सकते हैं. कैश खत्म होने की सूरत में कम समय में एटीएम में कैश डाला जाए ताकि ग्राहकों को कोई दिक्कत पेश न आए।

जुर्माने का प्रावधान तभी लागू होगा जब कोई कस्टमर एटीएम से पैसे निकालने जाए और उसे रकम न मिले. ऐसी स्थिति में कस्टमर रिजर्व बैंक से सीधा शिकायत कर सकता है. नियम के मुताबिक अगर एटीएम में पैसा न हो तो उसके बैंक पर जुर्माना लगाया जाएगा. व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेशन के मामले में भी बैंक पर ही जुर्माना लगेगा और बैंक बाद में WLAO से भरपाई कर सकता है. नियम में तय किया गया है कि एक महीने में किसी एटीएम में 10 घंटे से ज्यादा तक कैश की कमी नहीं होनी चाहिए. अगर समय इससे ज्यादा बढ़ता है तो बैंक को 10,000 का जुर्माना भरना होगा. WLAO के केस में भी बैंक पर जुर्माना लगेगा. बैंक को तय करना है कि वह डब्ल्यूएलएओ से कितना और कब जुर्माना वसूलता है।

 

रिजर्व बैंक के रीजनल ऑफिस के इश्यू डिपार्टमेंट की ओर से बैंक पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसके लिए कंपीटेंट अथॉरिटी के रूप में रीजनल ऑफिस के इश्यू डिपार्टमेंट के ऑफिसर इनचार्ज को अधिकृत किया गया है. इसी अधिकारी के न्यायक्षेत्र में ये एटीएम आएंगे जिन पर कैश को लेकर निगरानी रखी जाएगी।

अगर किसी बैंक या WLAO को जुर्माने के खिलाफ अपील करनी है तो रीजनल ऑफिस के रीजनल डायरेक्टर या ऑफिसर इनचार्ज से संपर्क करना होगा. इसके लिए एक महीने की अवधि निश्चिक की गई है जिसके दरमियान अपील दर्ज करानी होगी. एक महीने की अवधि जुर्माना लगाए जाने की तारीख से शुरू मानी जाएगी. रिजर्व बैंक का यह फैसला ग्राहकों की सेवा और संतुष्टी के लिए है, इसलिए जुर्माने के खिलाफ की गई अपील में सही और गलत वजहों का पता लगाया जाएगा. वजह मुकम्मल पाए जाने पर अपील पर कार्रवाई शुरू की जाएगी।

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