तिरुवनंतपुरम, सबरीमाला मंदिर मामले में केरल हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. अब 10 साल से कम उम्र की लड़कियों को भी अपने पिता के साथ सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दे दी गई है. केरल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अब10 साल से कम उम्र की लड़कियां अपने पिता के साथ सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए जा सकती हैं।
दरअसल इस मामले में 9 साल की एक बच्ची ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसमें उसने 23 अगस्त को अपने पिता के साथ सबरीमाला मंदिर जाने की अपील की थी. बच्ची का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि वह 10 साल की होने से पहले सबरीमाला जाना चाहती है क्योंकि तब वह चार दशकों से अधिक समय तक मंदिर नहीं जा सकेगी।
इस पर कोर्ट ने कहा, ”हमारा विचार है कि याचिकाकर्ता को 23 अगस्त को दर्शन के लिए अपने पिता के साथ सबरीमाला जाने की अनुमति देने के लिए एक अंतरिम आदेश जारी किया जा सकता है.”
इसी तरह का एक और फैसला कोर्ट ने इस साल अप्रैल में भी दिया था में जिसमें कहा गया है कि बच्चे सभी गतिविधियों में टीकाकरण वाले व्यक्तियों के साथ जा सकते हैं।
यह मंदिर लगभग 800 साल पुराना है. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी हैं. इसी वजह से युवा महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. 2006 में मंदिर के मुख्य ज्योतिषि परप्पनगडी उन्नीकृष्णन ने कहा था कि मंदिर में स्थापित अयप्पा अपनी ताकत खो रहे हैं. वह नाराज हैं क्योंकि मंदिर में किसी युवा महिला ने प्रवेश किया है।
जिसके बाद कन्नड़ ऐक्टर प्रभाकर की पत्नी जयमाला ने दावा किया कि उन्होंने अयप्पा की मूर्ति को छुआ और उनकी वजह से अयप्पा नाराज हुए।
केरल हाईकोर्ट का ये आदेश ऐसे समय में सामने आया है जह केरल में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय टीम ने हाल ही में राज्य का दौरा किया था. सेंट्रल टीम ने कहा था कि एक अगस्त से 20 अगस्त तक राज्य में कोविड-19 के करीब 4.6 लाख मामले सामने आ सकते हैं. टीम ने हाल में कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड, मलप्पुरम, अलप्पुझा, कोल्लम, पथनमथिट्टा और तिरूवनंतपुरम जिलों का दौरा किया था. सभी आठ जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से अधिक पाई गई थी और इनमें 80 प्रतिशत से अधिक मामले डेल्टा वेरिएंट के हैं।