रिवर फ्रंट घोटाले को लेकर सीबीआई ने लखनऊ, गाजियाबाद और देहरादून सहित 17 शहरों में मारे छापे

लखनऊ , चुनावी मौसम आते ही राजनीतिक घमासान तेज़ हो जाता है और सीबीआई पूरी तरह एक्टिव मोड पर आ जाती है । घोटालों की जांच चरम पर है इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारे बने सौंदर्य स्थल के रूप में चर्चित रिवरफ्रंट में हुये घोटाले में सीबीआई की 40 टीमों ने आज लखनऊ, गाजियाबाद और देहरादून सहित 17 जिलों व शहरों में छापेमारी की।
सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के साथ साथ उत्तराख्ंड ,पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी छापेमारी की है। रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने आज गोरखपुर और आगरा समेत अन्य कई स्थानों पर छापेमारी की है। गोरखपुर में बीजेपी विधायक राकेश सिंह बघेल के घर पर छापेमारी की गई है जबकि आगरा में बीजेपी नेता के घर छापेमारी की गई है।
मेहदावल विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक राकेश सिंह बघेल के भाई का नाम भी रिवरफ्रंट घोटाले में सामने आया था जिसको लेकर यह कार्रवाई की गई है।

इसी क्रम में सीबीआई की टीम ने आगरा में कारोबारी भाजपा नेता नितिन गुप्ता के आवास पर छापा मारा।
सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन विंग ने रिवर फ्रंट घोटाले में करीब दर्जनों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। उत्र प्रदेश में लखनऊ के अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा और आगरा में छापेमारी की गई रिवरफ्रंट समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल में बना था ।
रिवरफ्रंट घोटाले के आरोप समाजवादी पार्टी सरकार पर लगते रहे हैं। रिवरफ्रंट सपा सरकार में गोमती नदी के किनारे बनवाया गया था जिसका सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रचार करते रहे हैं।
प्रदेश में 2017 में भाजपा सरकार आने पर मामले की जांच की बात कही गई थी जिसके बाद से कई अफसरों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। मामले में अब फिर से छापेमारी का दौर शुरू हो चुका है।
करीब 1500 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच कर रहा है।
राज्य सरकार ने चार साल पहले घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। उससे पहले अप्रैल 2017 में प्रदेश सरकार ने रिवर फ्रंट घोटाले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे।
जांच के बाद गोमती नगर थाने में कई अधिकारियों के खिलाफ कमेटी ने एफआईआर दर्ज कराई थी। उसी एफआईआर को आधार बनाकर सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज की । एक इंजीनियर रूप सिंह की गिरफ्तारी इस मामले में कुछ ही दिन पहले की गई थी।
रिवर फ्रंट परियोजना के तहत अकेले सिंचाई विभाग ने 800 से अधिक टेंडर जारी किए थे। इनमें नियमों को दरकिनार कर ठेकेदारों को काम दिया गया था। उस समय लखनऊ खंड शारदा नहर के अधिशासी अभियंता रूप सिंह के खिलाफ सीबीआई को पर्याप्त सुबूत मिले थे।

बुलंदशहर में अखिलेश सरकार के कार्यकाल में गोमती नदी परियोजना में कथित अनियमितिताओं की जांच के सिलसिले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों ने यहां एक ठेकेदार के ठिकाने पर छापेमारी की।
बुलंदशहर नगर क्षेत्र के मोहल्ला प्रीत विहार निवासी ठेकेदार राकेश भाटी ने बताया कि सीबीआई की टीम सुबह करीब नौ बजे उनके निवासी पर पहुंची और परिजनों के मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लेकर अंदर से गेट बंद करा दिया। करीब साढ़े तीन घंटे तक चली कार्रवाई में राकेश भाटी और परिजनो से पूछताछ की गयी। उन्होने बताया कि सीबीआई अधिकारी कुछ दस्तावेज अपने साथ ले गये है। हालांकि सीबीआई अधिकारी बगैर पत्रकारों के सवालों का जवाब दिये निकल गये।
गौरतलब है कि अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान गोमती नदी परियोजना में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई ने नया मामला दर्ज किया है। बुलंदशहर के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर सीबीआई तलाशी ले रही है।

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