नई दिल्ली, हिंदुस्तान ने ओडिशा के तट पर स्थित एक रक्षा ठिकाने से सोमवार को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल प्रायोगिक परीक्षण किया, जो अग्नि-1 मिसाइल का उन्नत संस्करण है। डीआरडीओ सूत्र ने यह जानकारी दी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक सूत्र ने बताया कि यह सतह से सतह पर मार करने वाली 1000 से 2000 किलोमीटर मारक क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइल है।
ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर एक ‘मोबइल लॉन्चर’ से अग्नि श्रृंखला की नई मिसाइल का प्रायोगिक परीक्षण किया गया। तट रेखा के साथ परिष्कृत अत्याधुनिक ‘ट्रैकिंग रडार’ द्वारा इसके प्रक्षेप पथ की निगरानी की गई थी।
परमाणु सक्षम मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
यह मिसाइल 1000 से 2000 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखती है। 2 स्टेज और सॉलिड फ्यूल पर आधारित अग्नि प्राइम मिसाइल को एडवांस रिंग लेजर गैरोस्कोप पर आधारित नेविगेशन सिस्टम द्वारा निर्देशित किया जाता है। इसका गाइडेड सिस्टम इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्यूटर से लैस है। सिंगल स्टेज वाले अग्नि 1 के विपरित डबल स्टैज वाले अग्नि प्राइम को सड़क और मोबाइल लॉन्चर दोनों से ही दागा जा सकता है।
आधुनिक तकनीक के प्रयोग के कारण यह कम वजन वाली मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता पहले वाले मिसाइलों से अधिक है। भारत ने 1989 में पहली बार मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि 1 का परीक्षण किया था। माना जा रहा है कि अब अग्नि एक का जगह अग्नि प्राइम लेगा। बताते चलें कि भारत में अग्नि सीरीज की पांच मिसाइलों का सफलतापूर्वक विकास और परीक्षण किया जा चुका है।
सूत्रों की माने तो आने वाले कुछ समय में भारत और कई ताकतवर मिसाइलों का परीक्षण कर सकता है।