नई दिल्ली, मेडिकल उत्पाद बनाने वाली अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वायरस की वैक्सीन जुलाई तक भारत में आ सकती है। एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया) अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन से निजी तौर पर वैक्सीन खरीदने की तैयारी कर रहा है।
एक डोज की कीमत होगी 1800 रुपए
खबरों के मुताबिक जुलाई तक इस वैक्सीन की कुछ हजार डोज ही भारत आ पाएंगी और सिंगल डोज वाली इस वैक्सीन की कीमत 1,855.63 रुपए होगी।
ज्यादा निम्न तापमान पर स्टोर करने की जरूरत नहीं
इस वैक्सीन को ज्यादा निम्म तापमान पर स्टोर करने की जरूरत नहीं है। इसलिए यह भारत जैसे उन देशों के लिए बेहतर है जहां वैक्सीन को स्टोर करने की बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। जॉनसन एंड जॉनसन ने पहले ही देश में अपनी निर्माण प्रक्रिया और विशिष्टताओं को प्रमाणित करने के लिए केंद्र सरकार के साथ बातचीत शुरू कर दी है।
जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत में वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने के उद्देश्य से अप्रैल में केंद्र सरकार से संपर्क किया था। बता दें कि नए नियमों के मुताबिक भारत में वैक्सीन के ट्रायल के लिए अमेरिकी दवा नियामक द्वारा टीके का अप्रूवल (अनुमोदन) अनिवार्य नहीं है, जिसकी वजह से उम्मीद की जा रही है कि जॉनसन की वैक्सीन को भारत में जल्द उपयोग की मंजूरी मिल सकती है।
कोरोना के खिलाफ 76 प्रतिशत प्रभावी है वैक्सीन
डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोरोना के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीज पर जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन 66.3 प्रतिशत जबकि गंभीर लक्षणों वाले मरीज पर यह 76.3 प्रतिशत प्रभावी है। वहीं, वैक्सीन लगने के 28 दिन के बाद से यह अस्पताल में भर्ती होने से मरीज की शत प्रतिशत सुरक्षा करती है।
अमेरिका में आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी
अमेरिका में फिलहाल इस वैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी मिली हुई है। हालांकि इस वैक्सीन के लगने के बाद कुछ लोगों में रक्त का थक्का जमने की शिकायतों के कारण अमेरिका में इस वैक्सीन का इस्तेमाल ठंडा पड़ गया था।
डेल्टा वेरिएंट पर कितनी प्रभावी वैक्सीन
जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वायरस वैक्सीन कोरोना के डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट पर कितनी असरकारक है इसपर फिलहाल कोई अध्ययन नहीं हुआ है। हालांकि जॉनसन कंपनी ने कहा है कि वह इस बात पर परीक्षण कर रही है कि यह डेल्टा वेरिएंट पर कितनी असरकारक है, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई डेटा उपलब्ध नहीं हो सका है।