लखनऊ , कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की परवरिश के लिए शुरू की गई उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की आय सीमा बढ़ा दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग ने इस योजना के लिए पात्र बच्चों के संरक्षकों की आय सीमा को दो लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये प्रतिवर्ष कर दिया है।
योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों की परवरिश करने वाले जिन अभिभावकों या संरक्षकों की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम होगी होगी, उन्हें चार हजार रुपये प्रतिमाह वित्तीय सहायता दी जाएगी। सरकार का मानना है कि आय सीमा में बढ़ोतरी से संरक्षक बच्चों की बेहतर ढंग से परवरिश हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसे निराश्रित हुए बच्चों के लालन-पालन व शिक्षा-दीक्षा में कोई कमी न रहे, इसी मकसद से इस योजना को लागू किया गया है। एक भी निराश्रित बच्चा इस योजना के लाभ से वंचित न रहने पाए।
अनाथ बच्चे के वयस्क होने तक उनकी देखभाल करने वाले को 4000 रुपये प्रति माह।
18 वर्ष से कम आयु वाले सभी निराश्रित बच्चों को राज्य, केंद्र व स्वयंसेवी संगठनों द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में रखकर देखभाल।
अवयस्क बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) या राजकीय बाल गृह (बालिका) में रखकर उन्हें शिक्षित कराना।
निराश्रित बालिकाओं के विवाह के लिए 1.01 लाख रुपये की मदद।
स्कूल या कॉलेज में पढ़ रहे या व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे सभी निराश्रितों को निशुल्क टैबलेट या लैपटॉप देना।