‘अमेरिका में शटडाउन!’ आज आधी रात से ठप हो जाएगा सारा काम, ट्रंप की जिद से बिगड़े देश के हालात

नई दिल्ली, अमेरिका में सरकारी कामकाज (गवर्नमेंट शटडाउन) मंगलवार को आधी रात से बंद होने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। दोनों प्रमुख पार्टियों डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स के अपने-अपने रुख पर अड़े रहने के कारण सरकारी फंडिंग की समय सीमा समाप्त होने वाली है।

यदि कांग्रेस समय रहते फंडिंग बिल पास नहीं करती है, तो वाशिंगटन में एक नया और गंभीर राजनीतिक संकट पैदा हो जाएगा। इस संकट का सीधा असर लाखों अमेरिकी कर्मचारियों और कई सामाजिक कल्याण योजनाओं पर पड़ेगा।

व्हाइट हाउस की बैठक बेनतीजा, मतभेद बरकरार

सोमवार को व्हाइट हाउस में इस संकट को टालने के लिए आखिरी कोशिश के तौर पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, लेकिन यह बेनतीजा रही। सीनेट के शीर्ष डेमोक्रेट चक शूमर ने साफ कहा कि दोनों पक्षों में बड़े मतभेद अभी भी बने हुए हैं। डेमोक्रेट पार्टी, जो कांग्रेस के दोनों सदनों में अल्पमत में है, सरकार पर अपनी ताकत दिखाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। सीनेट के नियमों के मुताबिक, किसी भी सरकारी फंडिंग बिल को पास करने के लिए 60 वोटों की जरूरत होती है। रिपब्लिकन्स के पास वर्तमान में 53 वोट हैं, यानी उन्हें बिल पास कराने के लिए डेमोक्रेट्स के समर्थन की सख्त जरूरत है। अगर आधी रात से पहले यह बिल पास नहीं होता है, तो सरकार का गैर-जरूरी हिस्सा ठप हो जाएगा।

शटडाउन के गंभीर परिणाम: कर्मचारी होंगे ‘वेतनहीन’

सरकारी कामकाज ठप होने पर कई गंभीर परिणाम सामने आएंगे:

सरकारी कामकाज ठप: गैर-जरूरी सरकारी कामकाज रुक जाएंगे।

वेतनहीन कर्मचारी: लाखों सरकारी कर्मचारियों को अस्थायी रूप से बिना वेतन के रहना पड़ेगा।

योजनाओं में रुकावट: कई सामाजिक कल्याण योजनाओं के भुगतान में भी रुकावट आएगी।

व्हाइट हाउस ने पिछले हफ्ते ही सरकारी एजेंसियों को छँटनी की तैयारी करने का आदेश दिया है, जो सामान्य अस्थायी छुट्टियों (फर्लो) से कहीं ज्यादा गंभीर कदम है। यह कदम सरकारी कर्मचारियों के लिए और मुश्किल लाएगा, खासकर तब जब इसी साल की शुरुआत में एलन मस्क के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी ने भी बड़े पैमाने पर छँटनी की थी।

दोनों पार्टियाँ एक-दूसरे पर मढ़ रहीं दोष

अमेरिका में सरकारी शटडाउन एक अलोकप्रिय कदम है, और दोनों पार्टियाँ इसे टालने की कोशिश करती हैं, लेकिन अगर यह होता है तो वे तुरंत एक-दूसरे पर दोष मढ़ने लगते हैं। सीनेट के रिपब्लिकन नेता जॉन थून ने डेमोक्रेट्स की मांगों को ‘बंधक बनाने’ की कोशिश बताया।

रिपब्लिकन्स का प्रस्ताव: रिपब्लिकन्स ने प्रस्ताव दिया है कि फंडिंग को नवंबर के अंत तक बढ़ाया जाए, ताकि लंबे समय के खर्चे पर आराम से बातचीत हो सके।

डेमोक्रेट्स की मांग: दूसरी ओर, डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं, खासकर ओबामाकेयर जैसे कम आय वाले परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम की सैकड़ों अरब डॉलर की फंडिंग बहाल की जाए, जिसे ट्रंप प्रशासन खत्म करने की योजना बना रहा है। वे यह भी चाहते हैं कि ट्रंप और रिपब्लिकन्स पहले से मंजूर फंड को बाद में कटौती करने की प्रक्रिया (रेसिसन्स) से रोकें।

ट्रंप पर टिकी आखिरी उम्मीद

सीनेट के शीर्ष डेमोक्रेट चक शूमर ने साफ कहा है कि इस संकट पर अंतिम फैसला लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप ही हैं। उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप डेमोक्रेट्स की कुछ मांगें, जैसे स्वास्थ्य सेवा फंडिंग और फंड कटौती पर रोक को मान लें, तो शटडाउन टाला जा सकता है। हालाँकि, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने डेमोक्रेट्स पर ‘अमेरिकी जनता को धमकाने’ का आरोप लगाया है और कहा है कि वे सही कदम नहीं उठा रहे हैं, जिससे शटडाउन की आशंका बढ़ रही है। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के रिपब्लिकन स्पीकर माइक जॉनसन ने भी डेमोक्रेट्स पर गैर-जरूरी मुद्दे उठाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर सरकार बंद होती है, तो इसकी जिम्मेदारी डेमोक्रेट्स की होगी। यह देखना बाकी है कि कांग्रेस आधी रात की समय सीमा से पहले कोई समझौता कर पाती है, या अमेरिका को एक नए राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।

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