नई दिल्ली , कंबोडिया से संचालित जालसाजों के गिरोह में शामिल साइबर ठगों ने तीन दिन में फर्जी ट्रेडिंग एप की मदद से तीन करोड़ की ठगी को अंजाम दिया है। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के साइबर थाना पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों माणिक अग्रवाल, शनमिया खान, मोहम्मद आमिर उर्फ रॉकी और अब्दुल्ला उर्फ लूसिफर के पास से चार हाई-टेक मोबाइल बरामद किए हैं। जिसमें आपत्तिजनक चैट, धोखाधड़ी वाले लेन-देन का विवरण मिला है। पुलिस ने आरोपियों के खातों में तीन दिन में तीन करोड़ का लेन-देन बरामद किया है। फिलहाल पुलिस ने चारों आरोपियों को जेल भेज दिया है।
पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया, ‘पीड़ित टी सिंह ने पुलिस को अपने साथ ठगी की शिकायत पुलिस को दी। पुलिस को दी गई शिकायत में उन्होंने बताया कि 10 जून को अनाया कपूर नाम की एक युवती ने उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप “101 शून्य वेल्थ सर्कल” जोड़ा था। ग्रुप के मुख्य निवेश अधिकारी होने का दावा करने वाले एक शख्स सरवजीत सिंह विर्क ने पीड़ित के नाम पर 34 लाख के आईपीओ आवंटन करने का वादा किया। आरोपी ने पीड़ित का विश्वास जीतने के लिए उसके एसबीआई खाते में पांच हजार रुपये जमा किए और फिर एप में आठ लाख की फर्जी ऋण प्रविष्टि दिखाई गई। पीड़ित को बताया गया कि ऋण नहीं चुकाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित को बार-बार धमकी दी गई और पैसे देने का दवाब बनाया गया। पीड़ित ने 11 अगस्त 2025 को आठ लाख चार हजार रुपये आरोपियों के बताए गए खातें में स्थानांतरित कर दिया। आरोपियों ने पैसे पहुंचने के बाद पीड़ित के सभी खाते बंद कर दिए और अपने नंबर बंद कर लिए। पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी। इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की टीम ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
एसआई अमित कुमार, हेड कांस्टेबल संजय, सचिन और मनोज की टीम तकनीकी निगरानी, डिजिटल फुटप्रिंट विश्लेषण और मनी ट्रेल जांच के माध्यम से उस खाते की जानकारी प्राप्त की जिसमें ठगी के पैसे गए थे। खाते से लिंक मोबाइल नंबर की जानकारी निकाल कर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में छापेमारी कर निजी कम्पनी के अकाउंटेंट का काम करने वाले माणिक अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया। माणिक अग्रवाल ने अपना खाता आरोपियों को ठगी की रकम मंगवाने के लिए दिया था। जिसके एवज में उसे कमीशन मिलता था। माणिक से पूछताछ के बाद अब्दुल्ला उर्फ लूसिफर और मोहम्मद आमिर उर्फ रॉकी के बारे में जानकारी मिली।
पुलिस ने अब्दुल्ला को खुर्जा से और मोहम्मद आमिर उर्फ रॉकी को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया। आमिर जालसाजों के लिए बैंक खातों का इंतजाम करता था। दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद शनमिया खान को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया। शनमिया खान मुख्य आरोपी है जो कंबोडिया से ठगी का गिरोह चलाने वाले हैंडलर जैक से सीधे सम्पर्क में था। तकनीकी विश्लेषण से यह भी पता चला कि पीड़ितों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किए गए व्हाट्सएप नंबर कंबोडिया में सक्रिय थे, जिससे इस साइबर धोखाधड़ी के अंतर्राष्ट्रीय सम्पर्क सामने आए हैं। वारदात के दौरान सभी आरोपी दिल्ली में मौजूद थे।
पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि चारों आरोपी अपने राज्यों से ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए दिल्ली आ जाते थे। उन्होंने एक फाइव स्टार होटल में रूम बुक किया था। जहां से वारदात को अंजाम देते थे। सीसीटीवी विश्लेषण से पुष्टि हुई कि आरोपी धोखाधड़ी की गतिविधियों को अंजाम देते समय दिल्ली के होटल में एक साथ रुके थे।
एक अकाउंट, 16 शिकायतें, तीन करोड़ का लेन-देन
पुलिस की जांच में सामने आया है कि गृह मंत्रालय के पोर्टल पर 16 शिकायतों में ठगी के लिए रकम मंगवाने के लिए एक अकाउंट का इस्तेमाल किया गया है। यह अकाउंट निजी बैक अकाउंट का है और माणिक अग्रवाल से संबंधित हैं। इस अकाउंट में आरोपियों ने दिल्ली में रूकने के दौरान तीन दिन में तीन करोड़ रुपये की ठगी की रकम मंगवाई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने माणिक जहां निजी कम्पनी का अकाउंटेंट हैं। वहीं, अब्दुल्ला उर्फ लूसिफर अपना साइबर कैफे चलाता है। मुख्य आरोपी शनमिया खान स्क्रैप कारोबारी हैं।