नई दिल्ली, हॉन्ग कॉन्ग में दूसरे विश्वयुद्ध का करीब 100 साल पुराना बम मिलने के बाद अफरा-तफरी मच गई। एक इमारत के निर्माण के दौरान जब भारी-भरकम बम मिला तो प्रशासन तुरंत ऐक्टिव हो गया और पूरा इलाका खाली करवा लिया गया।
बम से मची दहशत के बीच करीब 6000 लोगों को उस इलाके से दूर भेजा गया है। जानकारी के मुताबिक इस बम का वजन 450 किलो के आसपास है और इसकी लंबाई 1.5 मीटर है। पुलिस का कहना है कि बम बेहद खतरनाक है और इसे नष्ट करने के दौरान भी फटने का खतरा है। बम को डिस्पोज करने का अभियान तुरंतशुरू कर दिया गया था।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक आसपास की 18 बिल्डिंगों को खाली करवा दिया गया। इसके बाद पुलिस ने डोर टु डोर जाकर मुआयना किया कि कोई बचा तो नहीं है। बता दें कि दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हॉन्ग-कॉन्ग और जापान के बीच भीषण युद्ध हुआ था। यहां अब भी कई बार खुदाई के दौरान फटे हुए बमों के अवशेष मिल जाते हैं।
साल 2018 में इसी तरह का बम वान चाई जिले में पाया गया था। इसके बाद 1200 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना पड़ा था। इस बम को नष्ट करने में करीब 20 घंटे का समय लग गया था। वहीं इसी साल जून में जर्मनी में तीन जिंदा बम मिलने के बाद 20 हजार लोगों को इलाका छोड़ना पड़ा था। बताया गया था की ये तीनों बम अमेरिका के थे।
डायचे वेले के मुताबिक यूरोप में इस तरह के जिंदा बम आज भी बड़ी मुसीबत बने हुए हैं। इसके अलावा वियतनाम, लाओस, गाजा और यूक्रेन में भी अकसर बम फटने का खतरा रहता है।