लखनऊ, वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राजधानी लखनऊ में ईदगाह इमाम और AIMPLB सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी कि पूरे अधिनियम पर रोक लगाई जाए, लेकिन कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। हालांकि, कोर्ट ने कई प्रावधानों पर रोक लगाई है। हम कुछ प्रावधानों पर रोक का स्वागत करते हैं। जैसे कि जो व्यक्ति वक्फ करना चाहता है, उसे कम से कम पांच साल तक प्रैक्टिसिंग मुस्लिम होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि CEO मुस्लिम समुदाय से होना चाहिए। धारा तीन और चार पर रोक स्वागत योग्य कदम है। हमें उम्मीद है कि जब भी अंतिम निर्णय आएगा, हमें सौ फीसदी राहत दी जाएगी।
#WATCH लखनऊ: वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ईदगाह इमाम और AIMPALB सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, "हमारी मांग थी कि पूरे अधिनियम पर रोक लगाई जाए लेकिन कोर्ट ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। हालांकि, कोर्ट ने कई प्रावधानों पर रोक लगाई है और हम कुछ… https://t.co/uO0HPTQlDf pic.twitter.com/zTnYjLC8DC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 15, 2025
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 के उस प्रावधान पर रोक लगा दी है, जिसके तहत वक्फ बनाने के लिए किसी व्यक्ति को पांच साल तक इस्लाम का अनुयायी होना जरूरी था। इस पर SC ने कहा कि यह प्रावधान तब तक स्थगित रहेगा, जब तक यह तय करने के लिए नियम नहीं बन जाते कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं?
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम-2025 के सभी प्रावधानों पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट का कहना है कि कुछ धाराओं को संरक्षण की जरूरत है।