काबुल, अफगानिस्तान में रविवार, 1 सितंबर 2025 की आधी रात को 6.0 तीव्रता का भूंकप आया जिससे अब तक एक हजार से अधिक लोगों के जान जाने की खबर है। वहीं 3 हजार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।
जर्मन रिसर्च फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र जालालाबाद शहर से 27 किमी पूर्व में था। इसकी गहराई मात्र 10 किमी थी। भूकंप इतना खतरनाक था कि इससे कई गांव पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।
‘भूकंप से 1,100 लोग मारे गए’
अफगान मीडिया एंड रिसर्च सेंटर के प्रमुख अब्दुल जब्बार बेहिर ने अल अरबिया को बातचीत के दौरान बताया कि इस भूकंप में कम से कम 1,100 लोगों की मौत हो गई है जबकि 3,500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
कुनार प्रांत में हुई सबसे ज्यादा मौतें- रिपोर्ट
वहीं NYT की रिपोर्ट की मानें तो सबसे ज्यादा मौतें कुनार प्रांत में हुई हैं। रविवार के अलावा सोमवार को भी 4.6 तीव्रता का भूकंप आया जो कि जमीन से 65 किमी नीचे था। अल जजीरा के अनुसार, इसके झटके पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रात में भी महसूस हुए। यही नहीं, ये झटके भारत के गुरुग्राम में भी महसूस किए गए।
भूकंप की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख
इससे पहले पीएम मोदी ने भूकंप की घटना पर दुख जताया। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर लिखा, ‘अफगानिस्तान में आए भूकंप में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुःखी हूं। इस कठिन घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं, और हम घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। भारत प्रभावित लोगों को हर संभव मानवीय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए तत्पर है।’
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि उन्होंने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्तकी से फोन पर बात की। साथ ही भूकंप में मारे गए लोगों के लिए उन्होंने अपना दुख जताया।
एस जयशंकर ने बताया कि भारत ने मदद के लिए टेंट पहुंचाएं हैं। साथ ही 15 टन खाने का सामान काबुल से कुनार भेजा गया है। आज भारत और राहत सामग्री भेजेगा।
बता दें कि अफगानिस्तान में आए भयानक भूकंप से त्राहिमाम मच गया है। भूकंप से दाराह-ए-नूर-जिले के साटिन गांव में ज्यादा तबाही मची है। शुरुआत में 9 लोगों की मौत की जानकारी मिल रही थी। लेकिन मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। सैकड़ों की संख्या में लोग जख्मी हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।