नई दिल्ली , Cervical Cancer Rise: सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसरों में से एक है। हाल के वर्षों में भारत में भी इसके मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है। इस बीमारी का सबसे प्रमुख कारण ह्यूमन पेपिलोमावायरस नामक वायरस है, जो सामान्यतौर पर यौन संबंध के माध्यम से फैलता है। हालांकि, एचपीवी ही एकमात्र कारण नहीं है। हमारी जीवनशैली, सामाजिक और आर्थिक कारण भी इस बीमारी के जोखिम को बढ़ाते हैं।
इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर इस बीमारी का शुरुआती दौर में पता चल जाए, तो इसका पूरी तरह से इलाज किया जा सकता है। दुर्भाग्य से जागरूकता की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच के कारण, कई मामलों का पता बहुत देर से चलता है। आइए इस लेख में हम कुछ प्रमुख कारणों के बारे में जानते हैं, जिनकी वजह से महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।
ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण
सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा कारण एचपीवी है। यह एक बहुत ही सामान्य यौन संचारित संक्रमण है। एचपीवी के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ विशेष प्रकार (जैसे HPV 16 और 18) कैंसर का कारण बन सकते हैं। इन वायरस से बचाव के लिए, लड़कियों को कम उम्र में एचपीवी वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है। यह टीका इस कैंसर को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है।
खराब स्वच्छता और कम उम्र में विवाह
पर्सनल हाइजीन की कमी सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती है। इसके अलावा, कम उम्र में विवाह और कम उम्र में ही यौन संबंध शुरू होने से भी ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे सर्वाइकल कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है।
कई यौन साथियों के साथ संबंध
कई यौन साथियों के साथ संबंध बनाना या ऐसे पार्टनर के साथ संबंध बनाना जिनके कई यौन साथी हों, एचपीवी संक्रमण और सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को बहुत बढ़ा देता है। सुरक्षित यौन संबंध और एक ही साथी के साथ संबंध इस खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
जागरूकता और स्क्रीनिंग की कमी
सर्वाइकल कैंसर का इलाज शुरुआती चरण में पूरी तरह से संभव है। लेकिन भारत में कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं में इस बीमारी के लक्षणों और रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरूकता की कमी है। इसके अलावा, पैप टेस्ट जैसी नियमित स्क्रीनिंग की कमी भी एक प्रमुख कारण है, जिससे बीमारी का पता बहुत देर से चलता है।