नई दिल्ली, कश्मीर के कपड़ा व्यापारी नजाकत अली ने 11 लोगों को हमले के बाद सुरक्षित निकाल लिया। दरअसल हमले के समय छत्तीसगढ़ के चिरमिरी नगर निगम इलाके के 4 दोस्त अपनी-अपनी फैमिली के साथ बैसरन घूमने आए थे। चिरमिरी निवासी कुलदीप स्थापक, शिवांश जैन, हैप्पी बधावान, अरविंद्र अग्रवाल अपनी-अपनी पत्नी और बच्चों के साथ 18 अप्रैल को गर्मी की छुट्टियां मनाने कश्मीर पहुंचे थे।
21 अप्रैल को सभी लोग पहलगाम आए थे। कुलदीप की पत्नी का नाम पूर्वा स्थापक है, जो चिरमिरी नगर निगम के वार्ड-13 से बीजेपी की पार्षद हैं। 22 अप्रैल को सभी बैसरन में मौजूद थे। शिवांश जैन ने अपने परिजनों को फोन पर जानकारी दी कि हमले से पहले भूस्खलन होने से रोड बंद हो गया था। सड़क के दोनों तरफ पर्यटक फंस गए थे। अचानक आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके कारण लोगों में भगदड़ मच गई। मौके पर नजाकत अली थे, जिन्होंने उन सभी 11 लोगों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया।
बता दें कि हर साल सर्दी के मौसम में नजाकत अली गर्म कपड़े बेचने के लिए चिरमिरी आते हैं। जान-पहचान होने के कारण चारों दोस्तों की फैमिली उनके साथ घूम रही थी। फायरिंग के दौरान नजाकत घबराए नहीं, सूझबूझ से सभी लोगों को अपने साथ सुरक्षित निकाल लिया। फायरिंग का पता जैसे ही चिरमिरी के लोगों को लगा, उनको चिंता हो गई। नजाकत पहलगाम के ही रहने वाले हैं, जिनसे फोन पर संपर्क कर छत्तीसगढ़ के सभी परिवार कश्मीर गए थे।
हमले के बाद गए होटल
कुलदीप स्थापक के मामा राकेश परासर ने मीडिया को जानकारी दी है कि भांजे के परिवार में 3 बच्चे भी थे। हमले के समय सभी वहीं थे, इस बात की उनको चिंता हुई। आतंकी हमले के बाद नजाकत सभी को अपने साथ लॉज की ओर ले गए। अब सभी लोग कश्मीर से सुरक्षित छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो चुके हैं। मामा के अनुसार लोगों को सेना के वाहनों से निकाला जा रहा है। शिवांश जैन की मां के अनुसार उनका बेटा, बहू और पोता सेफ है। हमले के बाद सभी सुरक्षित होटल चले गए। किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। परिवारों ने हमले के बाद अपने परिजनों से संपर्क साधा था।