उत्तर प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों को लग सकता है बड़ा झटका, रद्द हो सकती है NOC

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध निजी स्कूलों के लिए एक बड़ा झटका सामने आया है। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में कोताही बरतने पर उनकी अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) रद्द की जा सकती है।

लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) राकेश कुमार द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी स्कूलों को निर्धारित नियमों और शर्तों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा, अन्यथा उनकी मान्यता पर खतरा मंडरा सकता है।

शासन स्तर से जारी हुए महत्वपूर्ण निर्देश

1 .पंजीकृत सोसायटी की वैधता: स्कूलों को सुनिश्चित करना होगा कि उनकी संचालक संस्था (सोसायटी) समय-समय पर वैध रूप से नवीनीकृत होती रहे।

2 .प्रबंधन समिति में नामित सदस्य की उपस्थिति: स्कूल प्रबंध समिति में शिक्षा निदेशक द्वारा नामित सदस्य का होना अनिवार्य है।

3 .आरक्षण का पालन: कम से कम 10 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति के मेधावी छात्रों के लिए आरक्षित होंगी। इन छात्रों से वही शुल्क लिया जाएगा जो राज्य बोर्ड के स्कूलों में निर्धारित है।

4 .अनुदान संबंधी शर्तें: यदि किसी स्कूल को पहले माध्यमिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त थी और अब वह केंद्रीय बोर्ड से संबद्ध हो चुका है, तो पुरानी मान्यता और राज्य से मिलने वाला कोई भी अनुदान स्वतः समाप्त माना जाएगा।

वेतन, भत्ते और सेवा शर्तें भी होंगी लागू

सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि निजी स्कूलों को अपने कर्मचारियों को वही वेतन और भत्ते देने होंगे जो राजकीय सहायता प्राप्त स्कूलों में मिलते हैं। इसके साथ ही, सेवा शर्तें तय कर उन्हें सेवा निवृत्ति लाभ (रिटायरमेंट बेनिफिट्स) भी देना अनिवार्य होगा।

डीआईओएस कार्यालय को देनी होगी रिपोर्ट

सभी सीबीएसई और आईसीएसई से संबद्ध निजी स्कूलों को अपनी संबद्धता की प्रतिलिपि, एनओसी की कॉपी और शासन के सभी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने वाला शपथ पत्र आगामी एक सप्ताह के भीतर डीआईओएस कार्यालय को जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने की स्थिति में संबंधित स्कूलों की एनओसी रद्द की जा सकती है, जिससे उनकी मान्यता पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

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