



लखनऊ , उत्तर प्रदेश में राजस्व परिषद ने एंटी भू-माफिया के तहत कार्रवाई के लिए और सख्त नियम बनाए हैं। लेखपालों व राजनिरीक्षकों पर मामले को टालने की जगह अब उपजिलाधिकारियों के स्तर से सीधे कार्रवाई की जाएगी।
आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया ने इस संबंध में जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिए हैं।
राजस्व परिषद ने एंटी भू-माफिया के तहत कार्रवाई को लेकर पूर्व में निर्देश जारी किया गया था। इसमें अब संशोधन कर दिया गया है। नई व्यवस्था के तहत एंटी भू-माफिया पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद कार्रवाई करने के लिए अब स्वत: एसडीएम के लॉगिन पर यह प्रदर्शित होने लगेगी। शिकायत सीधे प्राप्त होने पर इसे सीधे पोर्टल पर अपलोड करने की सुविधा भी दे दी गई है। शिकायत पर कार्रवाई की सूचना राजस्व विभाग, पुलिस विभाग द्वारा लगातार की जा रही है। इसके लिए तीन चरण बनाए गए हैं। डीएम व एसडीएम, पुलिस आयुक्त व पुलिस अधीक्षक, मंडलायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक और शासन व राजस्व परिषद व प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक। एंटी भूमाफिया पोर्टल में शिकायतें आठ श्रेणियों में दर्ज की जाएंगी।
शासकीय या सार्वजनिक उपक्रम की भूमि पर कब्जे संबंधी, चकरोड, तालाब, खलिहान, चारागाह, निजी आवासीय भूमि, फर्जी बैनामे के आधार पर नामांतरण संबंधी, कृषि भूमि के पट्टे की भूमियों पर कब्जे संबंधी, आबादी क्षेत्र पानी निकास व सार्वजनिक, निजी भूमि पर अन्य भूमिधर व सहखातेदारों और अन्य शिकायतें में इसे दर्ज किया जा सकता है। एसडीएम अवैध कब्जा भूमि संदर्भ की सूची के आधार पर कार्रवाई के लिए आगे बढ़ेगा।