कॉंग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा – नई उर्जा प्रणाली की ओर आगे बढ़ रही दुनिया, पुरानी आर्थिक सोच में फंसा हुआ है भारत

नई दिल्ली, राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया नई ऊर्जा प्रणाली की ओर बढ़ रही है, लेकिन भारत अपनी पुरानी आर्थिक सोच में फंसा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह सोच रिलायंस और अदाणी जैसी कंपनियों द्वारा नियंत्रित है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया एक नई उर्जा प्रणाली की ओर बढ़ रही है, जहां इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरियां और उपकरण सबसे महत्वपूर्ण तकनीकें होंगी। लेकिन भारत अपनी पुरानी आर्थिक सोच में फंसा हुआ है, जो रिलायंस और अदाणी जैसी कंपनियों के एकाधिकार द्वारा नियंत्रित है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब सत्ता कुछ हाथों में केंद्रित नहीं रहती, चाहे वह व्यापार में हो या सरकार में, तो यह सब कुछ बदल देती है।

राहुल गांधी ने नगालैंड के छात्रों के साथ हालिया बातचीत पर अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो के साथ एक पोस्ट में यह टिप्पणी की। कांग्रेस सांसद ने कहा, मैंने हाल ही में नगालैंड के छात्रों से बात की और महसूस किया कि हमें उनकी संस्कृति के बारे में बहुत कम सिखाया जाता है। उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर भारत को देश के दृष्टिकोण और विकास में और अधिक केंद्रीय स्थान पर होना चाहिए।

उन्होंने कहा, दुनिया एक नई उर्जा प्रणाली की ओर बढ़ रही है, जहां इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरियां और उपकरण सबसे महत्वपर्ण तकनीकें होंगी। फिर भी भारत पुरानी आर्थिक सोच में फंसा हुआ है, जो रिलायंस और अदाणी जैसी कंपनियों द्वारा नियंत्रित है। हमारी नीतियां अब भी जीवाश्म ईंधन को प्राथमिकता देती हैं, जबकि चीन और अमेरिका ईवी, एआई और बैटरी तकनीक में आगे बढ़ रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, यह सिर्फ एक आर्थिक बदलाव नहीं है, बल्कि यह एक ताकत का बदलाव है। कारों को ही लीजिए। पारंपरिक इंजन केंद्रीकृत शक्ति स्रोत होते हैं, लेकिन ईवी में शक्ति विकेंद्रीकृत होती है-बैटरियां और मोटर पूरे डिजाइन को नया रूप देती हैं। यही प्रक्रिया उर्जा और उद्योग में भी हो रही है। उन्होंने कहा, जब ताकत कुछ के हाथों में केंद्रित नहीं रहती, चाहते वह व्यापार हो या सरकार, तो यह हमारी अर्थव्यवस्था, राजनीति और यहां तक कि युद्ध की प्रकृति, सबकुछ बदल देती है।

उन्होंने युवाओं से आग्रह करते हुए कहा, हमें इन पर विश्वविद्यालयों चर्चा करनी चाहिए, क्योंकि हम एक बड़े बदलाव के कगार पर हैं। अगर हम खुद को नहीं ढालेंगे, तो हम न केवल उद्योग के क्षेत्र में पिछड़ जाएंगे, बल्कि भविष्य पर अपना नियंत्रण भी खो देंगे। इसे आकार देने के लिए पहला कदम इसे समझना है। वीडियो में छात्र राहुल गांधी को बताते हैं कि वह अपनी शक्ल-सूरत के काऱण नस्लवाद का सामना करते हैं। इस पर राहुल गांधी कहते हैं कि यह अज्ञानता का परिणाम है।

Related Posts