लखनऊ, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के उन शिक्षकों को तगड़ा झटका लगा है, जो समयोजन की प्रक्रिया का इंतजार कर रहे थे।
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। इस आदेश के बाद से विद्यालयों में चल रही समायोजन की प्रक्रिया पूरी तरह से प्रभावित हो गई है।
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया के लिए लागू नियम ‘लास्ट कम फर्स्ट आउट’ को संविधान के अनुच्छेद 14 के विरुद्ध बताया है। बेंच ने समायोजन की प्रक्रिया में गलतियां सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ बेसिक शिक्षकों के समायोजन से जुड़ी सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद से शिक्षकों की समायोजन प्रक्रिया पर ही नहीं, वरिष्ठ शिक्षकों पर भी असर पड़ेगा। इसके साथ ही उन शिक्षकों पर भी इस फैसले का असर दिखेगा, जो समायोजन प्रक्रिया के तहत स्थानांतरण या पदोन्नति के इंतजार में थे।
कोर्ट ने ‘रीना सिंह और अदर्स वर्सेज स्टेट ऑफ यूपी’ केस में अनुच्छेद 14 के साथ ही 16 का उल्लंघन माना है। इसके साथ समायोजन की प्रक्रिया में सुधार की बात कही है। कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ अपील दायर हो सकती है। बता दें कि समायोजन की प्रक्रिया का असर बेसिक शिक्षा विभाग के 80 फीसदी स्कूलों पर पड़ता है, इससे शिक्षा भी प्रभावित हो रही है।