नई दिल्ली, क्या ऐसा हो सकता है कि सरकार किसी व्यक्ति या समुदाय की निजी संपत्ति को समाज के नाम पर अपने नियंत्रण में ले सकती है? इस अहम सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की बड़ी बेंच ने आज मंगलवार को अपने अहम फैसले में कहा कि सरकार सभी निजी संपत्तियों का इस्तेमाल सरकार नहीं कर सकती, जब तक कि सार्वजनिक हित ना जुड़ रहे हों.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 जजों की बेंच के मामले में बहुमत से अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने बहुमत से जस्टिस कृष्णा अय्यर के पिछले फैसले को भी खारिज कर दिया. जस्टिस अय्यर के पिछले फैसले में कहा गया था कि सभी निजी स्वामित्व वाले संसाधनों को राज्य द्वारा अधिग्रहित किया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि पुराना शासन एक विशेष आर्थिक और समाजवादी विचारधारा से प्रेरित था.
यह खबर अभी-अभी ब्रेक हुई है. इस खबर को हम अपडेट कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि आपके पास सबसे पहले जानकारी पहुंचे. इसलिए आपसे अनुरोध है कि सभी बड़े अपडेट्स जानने के लिए इस पेज को रीफ्रेश कर लें. साथ ही हमारी अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए यहां .