नई दिल्ली, गणहत्याओं के आरोप में बांग्लादेश (Bangladesh) की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी दी जाएगी। सिर्फ हसीना ही नहीं, बल्कि कोटा सुधार आंदोलन में शामिल हत्यारों को भी मृत्युदंड दिया जाएगा।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरूल ने यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख फलक टर्क को दी है।
सूत्रों के अनुसार, यूनुस सरकार ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के न्यायाधीशों को निर्देश दिया है कि बांग्लादेश के संस्थापक की बेटी हसीना (Sheikh Hasina) और अन्य दोषियों को फांसी की सजा दी जाए। गत 5 अगस्त को छात्र आंदोलन के दबाव के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था और वह देश छोड़कर दिल्ली में शरण ले चुकी हैं।
शेख हसीना के अलावा, बांग्लादेश (Bangladesh) से कई मंत्री और सांसद भी फरार हो चुके हैं। कुछ ने खुद को छिपाने का प्रयास किया है। बांग्लादेश की पुलिस ने हसीना सरकार के लगभग 50 सदस्यों और सांसदों को गिरफ्तार कर लिया है। हसीना के खिलाफ अब तक बांग्लादेश के विभिन्न थानों में 227 हत्या के मामले दर्ज हो चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने हसीना के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। 17 तारीख को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। न्यायाधीश गुलाम मुर्तजा मुमदार ने 18 नवंबर तक हसीना समेत बांग्लादेश (Bangladesh) के 45 अन्य नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश दिया है।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख फलक टर्क बांग्लादेश आए हैं ताकि कोटा सुधार आंदोलन की जांच की जा सके। उन्होंने बांग्लादेश के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरूल से भी मुलाकात की। इसी बैठक में टर्क ने जुलाई-अगस्त की घटनाओं में शामिल दोषियों की सजा के बारे में जानकारी मांगी। जवाब में आसिफ नजरूल ने मृत्युदंड का जिक्र किया।
अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरूल ने मीडिया को बताया, “संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख को स्पष्ट कर दिया गया है कि जो सरकार हजारों छात्रों की हत्या के लिए जिम्मेदार है, उसकी सजा केवल मृत्युदंड ही हो सकती है। इसमें कोई बदलाव संभव नहीं है। हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि शेख हसीना को देश में लाकर फांसी दी जाएगी।”