कानपुर, आईआईटी कानपुर से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां आईआईटी की छात्रा ने सुसाइड कर लिया है। वह अर्थ साइंस में पीएचडी अंतिम वर्ष की छात्रा थी। 28साल के प्रगति खया सनिगंवा की रहने वाली है।
पुलिस ने सुसाइड नोट भी बरामद किया है। जिसमें मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं बताया है। मौके पर कल्याणपुर थाने की पुलिस और फॉरेंसिक टीम जांच कर रही है।
प्रगति के पिता गोविंद ने बताया कि मेरी बेटी बचपन से ही पढ़ने में अव्वल थी। उसने हंसराज कॉलेज दिल्ली से बीएससी, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से एमएससी की थी। अब वह आईआईटी कानपुर से पीएचडी कर रही थी। पिता रोते-रोते यही कहते रहे कि उनकी बेटी ने ऐसा कदम क्यों लिया? वह शुरू से ही बहादुर थी। वो अपने बड़े भाई सत्यम को सब कुछ कहती थी।
पीचएडी की छात्रा ने सुसाइड नोट भी लिखा है। उसने लिखा है कि मैं अपनी मौत की जिम्मेदार खुद हूं। इसके लिए कोई दोषी नहीं है। उसने दोस्तों को धन्यवाद करते हुए कहा आप सब का शुक्रिया। आप सब ने बहुत सहयोग किया। बता दें कि प्रगति लाला पुरोषोत्तम दास ज्वैलर्स में स्टॉक मैनेजर के पद पर तैनात थी। शहर में घर होने के बाद भी वो हॉस्टल में रहकर पढ़ती थी। गुरुवार यानी 10अक्टूबर को जब उसका रूम नहीं खुला तो दरवाजे को तोड़ा गया। जिसके बाद उसका शव लटकता मिला। यह देख छात्राओं में हड़कंप मच गया। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
बता दें कि प्रगति तीन भाइयों में अकेली बहन थी। बड़ा भाई सत्यम एचडीएफसी बैंक में नौकरी करता है। दूसरा भाई एनटीपीसी में इंजीनियर है। वहीं तीसरा भाई सुंदरम इंफोसिस में इंजीनियर है। पिता गोविंद, मां संगीता, चाचा गोपालदास व अन्य परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे हुए हैं। यहां पोस्टमार्टम हाउस में बेटी का शव देखते वो फफक-फफक रोने लगे। पिता गोविंद द रोते हुए कह रहे थे कि उनकी बेटी मदद करने में आगे थी। उसने घर बनाने के लिए पैसे भी दिए थे।