नई दिल्ली, अनेक लोग प्रॉपर्टी में निवेश करते हैं और अपनी संपत्ति को किराए पर देकर स्थायी आमदनी (permanent income) प्राप्त करते हैं। लेकिन संपत्ति का कब्जा एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसे ध्यान में रखना आवश्यक है।
यदि आप अपनी संपत्ति को किराए पर देते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
कोई व्यक्ति लगातार 12 वर्षों तक एक प्रॉपर्टी पर काबिज रह सकता है और उस पर मालिकाना हक का दावा कर सकता है। इसे इंग्लिश में ‘Adverse Possession’ कहा जाता है।
दावे की शर्तें
12 वर्षों के भीतर संपत्ति के मालिक ने किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं की हो। किरायेदार को अपनी प्रॉपर्टी डीड, पानी के बिल, बिजली के बिल आदि के सबूत प्रस्तुत करने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में यह स्पष्ट किया था कि 12 वर्षों तक यदि कोई व्यक्ति बिना किसी शिकायत के जमीन पर काबिज है, तो उसे मालिक माना जाएगा।
निजी संपत्ति पर मालिकाना हक का दावा करने की समय सीमा 12 साल है।सरकारी संपत्ति के लिए यह सीमा 30 साल है। यदि कोई किरायेदार 12 वर्षों तक कब्जा करता है और मालिक शिकायत नहीं करता, तो वह संपत्ति का मालिक बन सकता है।
संपत्ति का कब्जा एक संवेदनशील विषय है, और इसके बारे में जानकारी होना जरूरी है। अगर आप अपनी संपत्ति को किराए पर देते हैं, तो सावधानी बरतें और सुनिश्चित करें कि आप अपने अधिकारों को सुरक्षित रखें। समय पर कानूनी कार्रवाई करना और सही जानकारी रखना आवश्यक है, ताकि आप भविष्य में किसी भी नुकसान से बच सकें।