नई दिल्ली, ऱक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और स्नेह का पर्व है। हिंदी पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। जोकि अगस्त के महीने में पड़ता है।
इस साल देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार कल यानी 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इसी दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेगी। इस साल रक्षाबंधन का पर्व चार शुभ योगों में मनाया जाएगा।
राखी बांधने के ये रहेंगे मुहूर्त
रक्षाबंधन पर राखी बांधने का पहला शुभ मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से शाम 04 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। यानी राखी बांधने के लिए पूरे 2 घंटे 33 मिनट का समय मिलेगा।
दूसरा शुभ मुहूर्त- इसके अलावा आप शाम के समय प्रदोष काल में भी भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। इस दिन शाम 06 बजकर 56 मिनट से रात 09 बजकर 07 मिनट तक प्रदोश काल रहेगा।
रक्षाबंधन पर किस मंत्र से बांधें राखी ?
राखी बांधते समय बहन इस मंत्र का जाप करें। मान्यता है इससे जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रगति और सफलता मिलती है।
“येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।”
“तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि,रक्षे माचल माचल:।”
अर्थात – ‘जो रक्षा धागा परम कृपालु राजा बलि को बांधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बांधता हूं, जो तुम्हें सदा के लिए विपत्तियों से बचाएगा’
रक्षाबंधन पर 4 अबूझ मुहूर्त
रक्षाबंधन के दिन विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से लेकर 3 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
इसके बाद, गोधूली मुहूर्त शाम 6 बजकर 56 मिनट से लेकर 7 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
वहीं सायाह्न संध्या मुहूर्त शाम 6 बजकर 56 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
इसके बाद, अमृत काल रात 8 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
रक्षाबंधन पूजा विधि
रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा का सूत्र बांधती हैं। साथ ही अपने भाई से अपनी रक्षा का वचन लेती है। बहन अपने भाई को सामने बिठाकर सबसे पहले रोली से उसका तिलक करती है। फिर माथे पर अक्षत लगाया जाता हैं। इसके बाद थाली में दीपक प्रज्वलित करके भाई की आरती उतारी जाती है। फिर मिठाई खिलाकर ईश्वर से उसके जीवन में सुख-संपन्नता की प्रार्थना की जाती है। इसके बदले में भाई अपनी बहन को कोई उपहार भी दे सकता है।
रक्षासूत्र या राखी कैसी होनी चाहिए ?
रक्षासूत्र तीन धागों का होना चाहिए।
राखी में लाल-पीले रंग का धागा होना चाहिए।
कुछ न होने पर कलावा भी श्रद्धा पूर्वक बांध सकते है।
रक्षाबंधन के बाद राखी का क्या करें ?
जन्माष्टमी पर राखी उतारने के बाद कहीं पेड़ के पास रख दें या फिर जल में बहा दें। राखी को कभी भी इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए।