नई दिल्ली, कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े केस में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामले में मनीष सिसोदिया की जमातन मंजूर कर दी है।
जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया। वहीं आज 8 अगस्त को इस पीठी ने संबंधित मुकदमे की शुरुआत में देरी का हवाला देते हुए मनीष सिसोदिया को कोर्ट ने जमानत दे दी है।
17 महीने बाद जेल से बाहर आएंगे मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा क्रमशः भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में जमानत की मांग करते हुए याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मनीष सिसोदिया 17 महीने बाद तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे।
बता दें शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस केस में बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सीबीआई और ईडी से सवाल किया था कि इन मामलों में “सुरंग का अंत” आप लोग कहां देखते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा दोनों मामलों में कुल 493 गवाह थे और जांच एजेंसियों से पूछा था कि मुकदमे को समाप्त करने में कितना समय लगेगा?
सीबीआई और पर्वतन निदेशालय की ओर से पेश हुए कानून अधिकारी ने कोर्ट को बताया सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज प्रत्येक मामले में आठ महत्वपूर्ण गवाह थे। कानून अधिकारी ने दलील दी थी कि मनीष सिसौदिया का यह दावा सही नहीं है कि इन मामलों में देरी के लिए जांच एजेंसियां जिम्मेदार थीं।