वायनाड में भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर हुयी 57, केरल की वाम सरकार ने बचाव अभियान के लिए सेना की मांगी मदद

नई दिल्ली, केरल के वायनाड जिले में हुए विनाशकारी भूस्खलन के मद्देनजर राज्य सरकार ने बचाव कार्यों के लिए मंगलवार को भारतीय सेना की सहायता मांगी। एक रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने बताया कि ‘122 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) मद्रास’ के ‘सेकेंड-इन-कमांड’ के नेतृत्व में 43 कर्मियों की एक टीम को बचाव प्रयासों में सहायता के लिए तैनात किया गया है।

इस टीम में एक चिकित्सा अधिकारी, दो जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और 40 सैनिक शामिल हैं, जो प्रभावित क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेंगे। इसके अलावा, रक्षा विभाग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि केरल सरकार से मंगलवार सुबह प्राप्त अनुरोध के आधार पर, व्यथिरी तालुक की मेप्पाडी पंचायत में ”एक बड़े भूस्खलन के कारण फंसे लगभग 250 लोगों को बचाने के लिए” ‘कन्नूर रक्षा सुरक्षा कोर’ (डीएससी) केंद्र से लगभग 200 सैनिकों की क्षमता वाली भारतीय सेना की दो बचाव टुकड़ियों के साथ-साथ कन्नूर स्थित सैन्य अस्पताल की मेडिकल टीम और कोझिकोड से प्रादेशिक सेना के जवानों को तैनात किया गया है।

इसमें कहा गया है कि भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना से सहायता मांगी गई है। बयान में कहा गया है कि बचाव एवं राहत कार्यों के लिए रक्षा सुरक्षा कोर केंद्र, कन्नूर से दो राहत टुकड़ियों को बचाव उपकरणों और अन्य टुकड़ियों के साथ तैनात किया गया है। विज्ञप्ति के अनुसार, ”वायुसेना स्टेशन सुलूर से दो हेलीकॉप्टर बचाव कार्यों के लिए भेजे गए हैं। प्रभावित क्षेत्र में मौसम प्रतिकूल है।

हालांकि, वे आपदा राहत कार्यों के लिए फिर से उड़ान भरेंगे।” इस बीच, राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर नौसेना से सहायता मुहैया कराने के लिए अनुरोध किया गया है और कन्नूर स्थित एझिमाला नौसेना अकादमी से नौसेना की ‘रिवर क्रॉसिंग टीम’ तत्काल वायनाड रवाना होगी। उनकी तैनाती का उद्देश्य मौजूदा बचाव कार्यों को तेज करना तथा भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करना है।

केरल के पहाड़ी वायनाड जिले में मंगलवार को हुए भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 57 हो गई। मंगलवार को सुबह भारी बारिश के कारण कई जगहों पर हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इसके कारण कई मकान नष्ट हो गए, जलाशयों में पानी भर गया और पेड़ उखड़ गए। भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं।

Related Posts