गुजरात में नए वायरस की एंट्री से मचा हड़कंप, 2 दिन में हुई 4 बच्चों की मौत; जानें इसके लक्षण

साबरकांठा, गुजरात के साबरकांठा और अरावली जिलों में एक रहस्यमय वायरस का प्रकोप सामने आया है, जिससे 4 बच्चों की मौत हो चुकी है और 2 अन्य बच्चे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं.

स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस वायरस को चांदीपुरा वायरस बताया है. आइए जानते हैं इस वायरस के लक्षणों के बारे में-

चांदीपुरा वायरस क्या है?

चांदीपुरा वायरस रैबडोविरिडे परिवार का एक वायरस है, जो मच्छरों, मक्खियों और सैंडफ्लाई जैसे वेक्टर के माध्यम से फैलता है. इस वायरस की पहचान सबसे पहले 1965 में महाराष्ट्र में हुई थी. इसे देश में इंसेफेलाइटिस बीमारी के कई अलग-अलग प्रकोपों ​​से जोड़ा गया है. इसके अलावा साल 2003 में आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में इसका प्रभाव देखा गया था, जिसके चलते 329 प्रभावित बच्चों में से 183 बच्चों की मौत हो गई थी. साल 2004 में गुजरात में भी इसके मामले देखे गए थे.

इस वायरस के लक्षण क्या हैं?

चांदीपुरा वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, दस्त, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी शामिल हैं. गंभीर मामलों में, यह वायरस मस्तिष्क में सूजन (एन्सेफलाइटिस) पैदा कर सकता है, जो जानलेवा हो सकता है.

क्या चांदीपुरा वायरस का कोई इलाज है?

चांदीपुरा वायरस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है. इलाज में आमतौर पर रोगसूचक राहत और सहायक देखभाल शामिल होती है, जैसे कि बुखार कम करने वाली दवाएं, तरल पदार्थ और पोषण. गंभीर मामलों में रोगियों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ सकती है.

इस वायरस से बचाव कैसे करें?

चांदीपुरा वायरस से बचाव के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि मच्छरों से बचाव के लिए एहतियाती उपाय अपनाए जाएं. इसमें मच्छरदानी का इस्तेमाल करना, मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाना और घरों के आसपास जमा पानी को हटाना शामिल है. इसके अलावा खुद को साफ सुथरा रखना जरूरी है.

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