लखनऊ, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बेटे और बेटी की तरह अब बहू को भी समान हक दिलाने का आदेश दे दिया है। इसी के तहत अब नगर विकास विभाग ने निकायों में कार्यरत अकेंद्रीयत सेवा के कार्मियों की विधवा पुत्रवधु को राज्य कर्मियों के समान आश्रितों के बराबर हक देने का फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश सेवाकाल में पालिका (अकेंद्रीयत) सेवानिवृत्त लाभ नियमावली-1984 में कुटुंब की परिभाषा में इसे शामिल करने का फैसला किया है। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए निकायों को निर्देश भेज दिया है।
शासनादेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती (12वां संशोधन) नियमावली-2021 जारी किया है। इसमें पुत्र व पुत्रियों की तरह विधवा पुत्रवधु को समान हक देने की बात कही गई है। निकाय स्वायत्तशासी संस्था की श्रेणी में आते हैं। इसलिए राज्य सरकार द्वारा जारी नीतियों का लाभ निकायों को तब तक नहीं मिल पाता है, जब तक इसे स्वीकार न किया जाए।
प्रमुख सचिव नगर विकास की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि कार्मिक विभाग की इस नियमावली के आधार पर निकायों में लाभ देने के लिए अंगीकृत यानी स्वीकार कर लिया गया है। शासनादेश के मुताबिक इसके आधार पर नगर निकायों में अकेंद्रीयत सेवाकाल के मृत कार्मिकों के विधवा पुत्रवधु को आश्रित की श्रेणी में शामिल मानते हुए तय लाभों को दिया जाएगा।
सरकार के इस फैसले से यूपी में हजारों लोगों को फायदा होने की उम्मीद है। कई परिवार ऐसे हैं जहां कमाने वाले की मौत के बाद उसके बेटे की भी हादसे या किसी वजह से मौत होने पर मुश्किलें बढ़ जाती हैं। एक तरफ परिवार पर दोहरी मार पड़ती है तो दूसरी तरफ आर्थिक स्थितियां बेहाद कमजोर हो जाती हैं। बहू को नौकरी दिलाने के लिए सरकार के पास काफी सिफारिशे आती रहती थीं। ऐसे में सरकार ने यह फैसला लागू कर दिया है।