नई दिल्ली, देश में नीट यूजी और यूजीसी नेट परीक्षाओं में गड़बड़ियों को लेकर बड़े पैमाने पर उठे विवाद के बीच शुक्रवार को केंद्र सरकार ने एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया। केंद्र ने शुक्रवार रात इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
केंद्र सरकार की ओर से यह कानून भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक को रोकने के लिए लाया गया है। इस कानून के अनुसार पेपर लीक करने पर या ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 5 साल की जेल होगी। वहीं 10 लाख से लेकर 1 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा आरोपियों से परीक्षा की लागत भी वसूली जाएगी।
बता दें कि इस कानून से पहले केंद्र सरकार के पास परीक्षाओं में गड़बड़ियों से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए कोई अलग कानून नहीं था। कानून के अनुसार इनको माना जाएगा अपराध-
1. किसी प्रतियोगी परीक्षा का पेपर और आंसर की लीक करना।
2. बिना अनुमति के परीक्षा का पेपर और आंसर की अपने पास रखना।
3. परीक्षा दे रहे अभ्यर्भी की मदद करना।
4. परीक्षा के दौरान किसी से पेपर हल करने के लिए मदद लेना।
5. ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ करना।
6. सरकारी एजेंसी द्वारा तय मानकों का उल्लंघन करना।
7. किसी एग्जाम सेंटर या उसके सिस्टम से छेड़छाड़ करना।
8. नकली एडमिट कार्ड जारी करना और गलत तरीके से एग्जाम करवाना।
9. काॅपियों की जांच के दौरान छेड़छाड़ करना।
10. परीक्षा केंद्रों पर तैनात अथाॅरिटी को धमकाना।
The Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024 – the anti-paper leak law for examinations for central recruitment and entrance into central educational institutions, came into effect on Friday.
A gazette notification issued by the Ministry of Personnel, Public… pic.twitter.com/TMJhsDtcJ5
— ANI (@ANI) June 21, 2024
जानें कानून के मुख्य प्रावधान-
1. आंसर सीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 5 साल की जेल।
2. 10 लाख से लेकर 1 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान।
3. सर्विस प्रोवाइडर दोषी पाया जाता है तो उस पर 1 करोड़ का जुर्माना।
4. यूपीएएसी, एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड, आईबीपीएस और एनटीए की परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी इस कानून के दायरे में आएगी।
5. परीक्षाओं में पेपर लीक से जुड़े सभी अपराध गैर जमानती होंगे।
6. परीक्षा की लागत पेपर लीक के आरोपियों से वसुली जाएगी।
7. एग्जाम सेंटर की भूमिका सामने आने पर 4 साल के एग्जाम सेंटर सस्पेंड होगा।
8. पेपरलीक और अन्य गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर एग्जाम सेंटर और उससे जुड़ी संपत्तियों को कुर्क करने का प्रावधान।
9. सरकार पेपर लीक जुड़े किसी भी मामले की जांच सीबीआई, ईडी और आईबी जैसी एजेंसियों से करा सकती है।
10. पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त के पद से नीचे का कोई भी अधिकारी इस अधिनियम के तहत किसी भी अपराध की जांच कर सकता है।