नई दिल्ली , सहारा की 4 बंद हो चुकी सहकारी समितियों (Cooperative Societies) के निवेशकों और जमाकर्ताओं को 5,000 करोड़ रुपये वापस करने में केंद्रीय सहयोग मंत्रालय ( Union Cooperation Ministry) को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
मंत्रालय के पोर्टल के जरिए जमा किए गए लाखों आवेदनों में से केवल कुछ की ही रकम को लौटाया गया है। दरअसल आवेदनों में कई तरह की कमियों और समितियों के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के साथ डिटेल मैच न होने के कारण लोगों को पैसा नहीं मिल रहा। सहारा के निवेशकों का रिफंड के लिए लंबा इंतजार और लंबा होता जा रहा है। असल में सरकार भी समय सीमा बढ़ाने के लिए अदालत का रुख कर रही है। कुल दावों 1.21 करोड़ में से अब तक केवल 277,000 दावों पर लगभग 2.58 करोड़ रुपये वापस दिए गए हैं। आगे जानिए किन कारणों से क्लेम रिजेक्ट हो रहे हैं और आप कैसे अपने क्लेम का स्टेटस चेक कर सकते हैं।
कैसे चेक करें स्टेटस
- सबसे पहले इस लिंक पर जाएं
- फिर डिपॉजिटर लॉगइन पर क्लिक करें। अगर पहले यहां अकाउंट नहीं बनाया तो पहले डिपॉजिटर रजिस्ट्रेशन पर अकाउंट बनाएं
- लॉगइन करने पर आधार के अंतिम 4 नंबर और मोबाइल नंबर डालें और कैप्चा भरकर Get OTP पर क्लिक करें
- इसके बाद आपका स्टेटस आपके सामने होगा। यदि पेंडिंग लिखा आए तो समझिए कि प्रोसेस जारी है और आपका रिफंड हो सकता है
- मगर यदि रिजेक्टेड आए तो समझिए क्लेम कैंसल हो गया है। क्लेम क्यों रिजेक्ट हुआ है ये जानने के लिए तब एक PDF भी आएगी जिसे डाउनलोड करके आप अपने क्लेम रिजेक्शन की वजह जान सकते हैं
क्या हैं रिजेक्शन के बड़े कारण
- मंत्रालय के पोर्टल पर उपलब्ध सहारा निवेशकों के क्लेम और डेटा का न मिलना
- गलती से अलग या गलत मेंबरशिप नंबर दर्ज करना या खाता संख्या, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, प्रमाणपत्र या पासबुक या पैन कार्ड नंबर सही दर्ज न करना
- बैंक खाता आधार से लिंक्ड न हो
- सहारा की जमा रसीद/पासबुक या क्लेम सर्टिफिकेशन की क्वालिटी खराब हो या अपलोड किए गए दस्तावेजों रेजोल्यूशन बहुत कम गो या गलत साइज के डॉक्यूमेंट अपलोड किए गए हों
- हो सकता है कि आपने क्लेम फॉर्म फाइल करते समय कुछ गलत प्रोसेस फॉलो की हो, जिसे प्रिंट करके दोबारा अपलोड करना होगा
लॉन्च किया था नया पोर्टल
केंद्र सरकार ने 18 जुलाई, 2023 को सहारा से रिफंड पाने के लिए आवेदन करने के लिए एक नया पोर्टल लॉन्च किया था। शुरुआत में, केवल 10,000 रुपये से कम के रिफंड ही प्रोसेस किए जाने थे। इसके बाद दूसरे चरण में 19,999 रुपये तक के क्लेम स्वीकार किए गए।
हालाँकि, इस प्रक्रिया में सरकार को ही काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जनवरी तक, 5,000 करोड़ रुपये के आधे प्रतिशत से भी कम को लौटाया गया है।