लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद शहरी क्षेत्रों में स्वीकृत मानचित्र के विपरीत होने वाले निर्माण के कंपाउंडिंग यानी शमन पर रोक लगा दी है। अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्षों को निर्देश भेज दिया है।
हाईकोर्ट इलाहाबाद ने बृज मोहन तवंर बनाम राज्य सरकार में यह फैसला 13 मार्च को दिया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि मौके पर स्वीकृत मानचित्र से अधिक निर्माण न हो। यह भी आदेश दिया है कि भवन निर्माण एवं विकास उपविधि में निर्धारित मानकों के अतिरिक्त निर्माण नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही शमन के प्रकरणों में भी भवन निर्माण और विकास उपिविधि के अंतर्गत निर्धारित मानकों को शिथिल नहीं किया जाना चाहिए। जो निर्माण भवन निर्माण और विकास उपविधि के अनुमन्य नहीं हैं, उन्हें शमन के द्वारा अनुमन्य नहीं किया जाना चाहिए।
अपर मुख्य सचिव आवास ने जारी शासनादेश में कहा है कि हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा। स्वीकृत मानचित्रों के अनुरूप ही स्थल पर निर्माण कार्य सुनिश्चित कराया जाए। स्वीकृत मानचित्र के इतर निर्माण होने की स्थिति में ऐसे निर्माणों के विरुद्ध भवन निर्माण एवं विकास उपविधि, तय नियमों, शासनादेशों और नियमावली का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। आवास विभाग द्वारा जारी भवन विकास उपविधि के आधार पर विकास प्राधिकरणों द्वारा नक्शा पास किया जाता है।
इसके बाद भी भवन स्वामियों द्वारा पास किए गए नक्शे के इतर निर्माण कर लिया जाता है। शासन ऐसे निर्माण को शुल्क लेकर समय-समय पर शमन यानी कंपाउंडिंग के लिए नीति लेकर आता है। इसके आधार पर अवैध निर्माणों को वैध कर दिया जाता है। हाईकोर्ट ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। इसके आधार पर रोक लगा दी गई है।