अमेठी, पिछले कुछ समय से भारत की कई ऐतिहासिक जगहों के नाम बदलने की लगातार मुहीम चल रही हैं. इसमें शहर, पार्क, चौक-चौराहे आदि शामिल हैं. इसके साथ ही कई रेलवे स्टेशनों के नाम भी बदल दिए गए. कई लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया तो कई ने इसका विरोध किया.
विरोधियों का कहना है कि ये सिर्फ पैसों की बर्बादी है. नाम बदलने के बाद सारे कागजातों में चेंजेस करने पड़ते हैं. साथ ही इसके नए नाम के बोर्ड लगाने में भी पैसे लगते हैं.
हालांकि, कई लोग इन बदलावों का स्वागत भी कर रहे हैं. उनका कहना है कि जगह का नाम उसकी ऐतिहासिक विशेषता के आधार पर रखा जाना चाहिए. जिन मुगलों ने भारत को बर्बाद किया, उनके नाम पर किसी जगह को पुकारना अपमान ही है. विवादों के बावजूद एक बार फिर से अमेठी में बड़ा बदलाव किया गया है. यहां एक साथ आठ स्टेशनों के नाम को बदल दिया गया है. ऐसा स्मृति ईरानी की पहल के बाद किया गया.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इन जगहों के नाम को बदलने के लिए पहल की थी. उन्होंने गृह मंत्री के साथ रेल मंत्री को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की रिक्वेस्ट की थी. इसके अलावा जिले के एयरपोर्ट का नाम बदलने के लिए स्मृति ईरानी ने उड्डयन मंत्री को भी पत्र लिखा था. पत्राचार के बाद अब अमेठी के आठ स्टेशन नए नाम से जाने जाएंगे.
ये रहे नए नाम
इस बदलाव के बाद अमेठी के आठ स्टेशन नए नाम से जाने जायेंगे. इसमें शामिल है-
कासिमपुर रेलवे स्टेशन को अब जैस सिटी के नाम से जाना जाएगा.
जायस रेलवे स्टेशन का नया नाम गुरू गोरखनाथ धाम स्टेशन रखा गया है.
बनी रेलवे स्टेशन को स्वामी परमहंस के नाम से जाना जाएगा.
मिसरौली रेलवे स्टेशन का नया नाम मां कालिका धाम रखा गया है.
निहालगढ़ रेलवे स्टेशन को महाराजा बिजली पासी के नाम से बुलाया जाएगा.
अकबरगंज रेलवे स्टेशन का नया नाम मां अहोरवा भवानी धाम रखा गया है.
वारिसगंज हाल्ट को अमर शहीद भाले सुल्तान के नाम से जाना जाएगा.
फुरसतगंज रेलवे स्टेशन को अब तपेश्वरनाथ धाम के नाम से पुकारा जाएगा.