नई दिल्ली, अवैध लोन ऐप्स पर भारत सरकार ने गूगल के साथ मिलकर बड़ा एक्शन लिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी मंत्रालय ने गूगल (Google) के साथ मिलकर पिछले ढाई साल में प्ले स्टोर से 4,700 धोखाधड़ी वाले ऐप्स को हटा दिया है।
आरबीआई MeitY के साथ 400 से अधिक ऐसे ऐप्स की लिस्ट शेयर की है। यह जानकारी संसद में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने दी है। उन्होंने कहा, “सरकार अवैध लोन ऐप्स के खतरे को रोकने के लिए आरबीआई और अन्य नियामक निकायों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है।”
वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने राज्यसभा में बताया कि आरबीआई ने MeitY के साथ 442 यूनीक डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स की एक लिस्ट शेयर की थी और वही गूगल के साथ शेयर की गई थी। इसके बाद MeitY ने पिछले ढाई साल में प्ले स्टोर से 4,700 से अधिक धोखाधड़ी वाले लोन ऐप्स को हटाने या सस्पेंड करने के लिए गूगल के साथ सहयोग किया।
कराड के मुताबिक इस अभियान में अप्रैल 2021 और जुलाई 2022 के बीच लगभग 2,500 लोन ऐप्स हटाए गए, जबकि, सितंबर 2022 और अगस्त 2023 के बीच फिर 2,200 ऐप्स हटाए गए। कराड ने बताया कि गूगल ने लोन ऐप्स के लिए सख्त नीतियां लागू की हैं। प्ले स्टोर पर केवल विनियमित संस्थाओं या उनके भागीदारों के ऐप्स को ही अनुमति दी जाती है।
कराड ने बताया कि इन कार्यों के साथ आरबीआई ने रेगुलेटरी बॉडी को मजबूत करने और डिजिटल लोन फ्रेम वर्क में ग्राहक सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिजिटल लोन पर नियामक दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त, गृह मंत्रालय के तहत इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) सक्रिय रूप से डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स की निगरानी कर रहा है।
दूसरी ओर अवैध लोन ऐप्स सहित साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने में नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल लॉन्च किया है और एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। इसके अलावा सरकार और आरबीआई द्वारा सोशल मीडिया पर इसके लिए जगरूक कर रही है।