नई दिल्ली,SEBI Extended Last Date:बाजार नियामक सेबी ने डीमैट और म्यूचुअल फंड खाताधारकों को बड़ी राहत दी है. संस्थान ने डीमैट और म्यूचुअल फंड खाताधारकों के लिए नॉमिनी जोड़ने की समय सीमा को अगले साल 30 जून 2024 तक बढ़ा दिया.
अभी तक किसी लाभार्थी को नामित करने या घोषणापत्र जमा कर इससे बाहर निकलने की समय सीमा 31 दिसंबर तक रखी गई थी. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के इस कदम का उद्देश्य निवेशकों को उनकी संपत्ति सुरक्षित करने और उन्हें उनके वैध उत्तराधिकारियों को सौंपने में मदद करना है. सेबी ने एक परिपत्र में कहा कि बाजार प्रतिभागियों से मिले आवेदनों को देखते हुए अनुपालन में सुगमता और निवेशकों की सुविधा के लिए डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड फोलियो के लिए ‘नामांकन की पसंद’ जमा करने की अंतिम तिथि को 30 जून, 2024 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही सेबी ने परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी), डिपॉजिटरी प्रतिभागियों और रजिस्ट्रार एवं ट्रांसफर एजेंटों (आरटीए) से डीमैट खाताधारकों और म्यूचुअल फंड यूनिट धारकों को हर पखवाड़े ईमेल या एसएमएस भेजकर नामांकन करने या इससे बाहर निकलने के बारे में प्रोत्साहित करने को कहा है. बता दें कि इससे पहले नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 30 सितंबर थी
सेबी के नए नियमों के अनुसार, नए निवेशकों को ट्रेडिंग और डीमैट खाते खोलते समय अपनी प्रतिभूतियों के लिए ‘नामांकन’ देना होगा या घोषणापत्र के जरिये बाहर निकलने का विकल्प चुनना होगा. मौजूदा निवेशक यदि इस समयसीमा को पूरा करने में विफल रहते हैं, तो उनके फोलियो को फ्रीज कर दिया जाएगा और वे उसमें से अपना निवेश नहीं निकाल पाएंगे. इसके साथ ही, वो शेयर मार्केट में ड्रेट नहीं कर पायेंगे. इसके अलावा निवेशकों के डीमैट खाते या म्यूचुअल फंड फोलियो तब तक ‘फ्रीज’ जब तक कि वे नामांकन नहीं करते या बाहर निकलने का विकल्प नहीं चुनते हैं.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने अपने जुलाई, 2021 के आदेश में सभी मौजूदा पात्र ट्रेडिंग और डीमैट खाताधारकों को 31 मार्च, 2022 को या उससे पहले नामांकन का विकल्प प्रदान करने के लिए कहा था. बाद में इसे एक साल और बढ़ाकर 31 मार्च, 2023 तक कर दिया गया था. म्यूचुअल फंड यूनिटधारकों के संबंध में नियामक ने 15 जून, 2022 को अपने परिपत्र में म्यूचुअल फंड ग्राहकों के लिए एक अगस्त, 2022 को या उसके बाद नामांकन से बाहर निकलने के लिए नामांकन विवरण या घोषणा देना अनिवार्य कर दिया था. इसे एक अक्टूबर, 2022 तक और फिर मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया. बाजार भागीदारों से मिले आग्रह के बाद फोलियो और डीमैट खातों को फ्रीज करने का प्रावधान 31 मार्च, 2023 के बजाय 30 सितंबर, 2023 से लागू करने का फैसला किया गया. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अतीत में कई निवेशक खाते बिना किसी को नामित किए खोले गए हैं. ऐसे मे सही उत्तराधिकारी को संपत्ति के हस्तांतरण में कठिनाई आती है. ऐसे में यह कदम काफी अच्छा है और इससे संपत्ति के हस्तांतरण में आने वाले मुश्किलों से निजात मिलेगी.
डीमैट खाता- एक ऐसा खाता है जो शेयर बाजार में सुरक्षाओं को उधार और खरीदने की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन विद्यमान शेयरों को फिजिकल रूप से देखने और छूने की अनुमति नहीं देता है. डीमैट खाता एक व्यक्ति या निगम के बीच एक इंटरफेस प्रदान करता है जिसके माध्यम से शेयर बाजार में व्यापार किया जा सकता है.
इस तरह के खातों के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:
- डीमैट खाता (Demat Account): यह खाता उस व्यक्ति को देता है जिसने शेयरों को खरीदा है, ताकि उन्हें उनके विद्यमान रूप को शेयर बाजार की व्यवस्था के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक रूप में संरक्षित किया जा सके.
- ट्रेडिंग खाता (Trading Account): यह खाता व्यक्ति को शेयर बाजार में व्यापार करने की अनुमति देता है. इसके माध्यम से व्यक्ति शेयरों को खरीद सकता है और उन्हें बेच सकता है.
- इन खातों को विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रबंधित किया जाता है और ये भारत में शेयर बाजार के नियमों और विनियमों का पालन करते हैं. डीमैट खाता शेयर बाजार की वर्चुअल रिप्रेजेंटेशन होता है जो व्यक्तियों को उनके शेयरों की संपत्ति का संरक्षण करने में मदद करता है.