नई दिल्ली, कोरोना महामारी के बाद देश में हार्ट अटैक के कारण अचानक हो रही मौतों की संख्या बढ़ गई है। अभी हाल ही में गुजरात में गरबा उत्सव के दौरान कई मौतें हुई थीं। इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में भी कभी जिम करते हुए तो कभी अचानक सड़क पर मौतों के ऐसे ही मामले सामने आए।
इन मामलों में देखा गया कि हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में ज्यादातर संख्या कम उम्र के लोगों की ही है। इसके बाद चर्चा होने लगी कि इसका कारण कोरोना वैक्सीन है और देश के वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर ही सवाल खड़े होने लगे।
हालांकि, अब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)की एक स्टडी सामने आई है। इसमें कहा गया है कि देश में अचानक हो रही मौतों का कोविड वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है। आईसीएमआर ने मौतों के अन्य कारणों पर प्रकाश डाला है और स्टडी का हवाला देते हुए युवाओं में अचानक मौत के जोखिम की असल वजह बताई है।
आईसीएमआर ने कहा है कि देश में अचानक हो रही मौतों का कारण कोरोना वैक्सीन नहीं है। संस्थान ने कहा है कि कोविड-19 से पहले अस्पताल में भर्ती होना, परिवार में अचानक मौतें होने के पुराने केस और लाइफस्टाइल में बदलाव ने ऐसे मामलों की संभावना को बढ़ा दिया है। स्टडी में यह भी कहा गया है कि अगर किसी ने कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक भी डोज ली है तो उसपर कोरोना वायरस से होने वाली मौत का खतरा कम हो जाता है।
आईसीएमआर ने 1 अक्टूबर 2021 से लेकर 31 मार्च 2023 तक इस विषय पर स्टडी की है। स्टडी में कहा गया है कि कोविड की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की हिस्ट्री, परिवार में होने वाली अचानक मौतों की हिस्ट्री और मौत से 48 घंटे पहले शराब पीना, ड्रग्स लेना या फिर अधिक मात्रा में एक्सरसाइज करना भी इसके कारणों में शामिल है। आईसीएमआर ने इस स्टडी में देश के 47 अस्पतालों को शमिल किया था, जिसमें 18 से 45 साल की उम्र वाले लोग शामिल थे।