नई दिल्ली, आज है 14 नवंबर और यह बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन भारत में “बाल दिवस” (Children’s Day) मनाया जाता है. यह दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है.
प्रधान मंत्री के रूप में नेहरू जी देश में एक ऐसा माहौल बनाना चाहते थे जिसमें बच्चों और उनके कल्याण पर ध्यान दिया जाता है। उन्होंने 1955 में चिल्ड्रेन्स फिल्म सोसाइटी इंडिया की भी स्थापना की थी ताकि भारतीय बच्चे अपना प्रतिनिधित्व देख सकें। पंडित नेहरू की मृत्यु के बाद उनकी जयंती को भारत में बाल दिवस की तारीख के रूप में चुना गया।
जवाहर लाल नेहरू कहते थे कि ये बच्चे ही हमारे भारत का निर्माण करेंगे। बच्चें हमारे देश का भविष्य है इसलिए उनकी शिक्षा और कल्याण पर जोर देना हम सब का कर्तव्य है। हम जितनी बेहतर तरह से बच्चों की देखभाल करेंगे राष्ट्र निर्माण भी उतना ही बेहतर होगा।
नेहरू जी को बच्चों के बीच में उनके अधिकारों की समर्थन सुरक्षा के प्रति उनके समर्थन के लिए “चाचा नेहरू” कहा जाता है. बाल दिवस के दिन भारत भर में कई शिक्षा संस्थानों संगठनों में बच्चों के लिए कई प्रतियोगिताएं, कार्यक्रम सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, इसके माध्यम से बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता मिलती है उन्हें उनके सपने पूरे करने के लिए उत्साहित किया जाता है. शिक्षा क्षेत्र में, विशेषज्ञों द्वारा बाल संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिससे बच्चों का नॉलेज भी बढ़ती है. बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों को उनके अधिकारों की समर्थन सुरक्षा के प्रति समर्थन करना है, उन्हें उत्साहित करना है उन्हें समाज में समर्थन सुरक्षा प्रदान करना है.
नेहरू जी के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में मनाए जाने वाले बाल दिवस का आयोजन पहली बार 1954 में किया गया था, इसका उद्देश्य था बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा संरक्षण को प्रोत्साहित करना. पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चों के प्रति अपनी उम्मीदों आस्थाओं के लिए ‘चाचा नेहरू’ कहा जाता है, उन्होंने बच्चों के प्रति अपनी समर्थन ममता को प्रकट करने के लिए बाल दिवस का आयोजन करने का निर्णय लिया.
शिक्षा संस्थानों में, बच्चों को स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा से जुड़े जानकारी दी जाती है, विशेष शिक्षकों द्वारा विशेष बाल संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
इस दिन को बच्चों के बीच खुशी, उत्साह, नेतृत्व की भावना को बढ़ावा देने के लिए मनाने का उद्देश्य है. यह दिन उन बच्चों को समर्पित है जो भविष्य के नेतृत्व में निर्माण करेंगे.
बाल दिवस उन समर्थन बच्चों के अधिकारों को प्रमोट करने का एक महत्वपूर्ण उत्कृष्ट दिन है. इसका उद्देश्य बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है उन्हें समाज में समर्थन सुरक्षा प्रदान करना है.
बाल दिवस का महत्वपूर्ण दृष्टिकोण यह है कि इससे बच्चों में नेतृत्व की भावना स्वाभिमान की भावना को बढ़ावा मिलता है. इस दिन के माध्यम से बच्चों को उनके प्रति विशेष ध्यान का अहसास होता है उन्हें आत्मविश्वास स्वाभिमान का आदान-प्रदान होता है.
बाल दिवस का आयोजन बच्चों उनके शिक्षकों को मिलने एक दूसरे के साथ समर्पित होने का एक शानदार मौका प्रदान करता है. इससे बच्चों का शिक्षा समृद्धि के प्रति रुझान में सुधार होता है.
बाल दिवस के दिन, कई स्कूल संगठन बच्चों को शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं. इससे बच्चों में शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ता है वे अपनी शिक्षा में सकारात्मक रूप से लगने लगते हैं.
बाल दिवस के दिन बच्चों को उनकी सृष्टि रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाता है. इसके माध्यम से उन्हें अपनी कला प्रतिभा को समर्थन मिलता है, जिससे उनका विकास होता है.
बच्चों को खेल मनोरंजन के माध्यम से उनकी स्वस्थ खुशहाल जीवनशैली को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाता है.
बाल दिवस के दिन समाज में बच्चो के सम्मान के बारे में भी इस दिन खास बात होती है. चिल्ड्रन्स डे के दिन सिर्फ बच्चों को ही बड़ों का सम्मान करने की बात नहीं होती बल्कि बड़ों को भी बच्चों से कैसे आदरपूर्वक बात करनी चाहिए इस पर भी विचार होते हैं.