नई दिल्ली, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) बोर्ड ने श्रीलंका क्रिकेट की आईसीसी सदस्यता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आईसीसी बोर्ड ने मीटिंग में निर्णय लिया कि श्रीलंका क्रिकेट एक सदस्य के रूप में अपने दायित्वों का गंभीर उल्लंघन कर रहा है।निलंबन की शर्तें आईसीसी बोर्ड द्वारा उचित समय पर तय की जाएंगी।
पिछले कुछ दिनों से श्रीलंका क्रिकेट में काफी उठापटक चल रही है। खेल मंत्रालय ने बोर्ड को बर्खास्त कर अंतरिम अध्यक्ष की नियुक्ति की है। इसके बाद आईसीसी ने अपनी कार्रवाई में श्रीलंका क्रिकेट टीम को सस्पेंड कर दिया। अब श्रीलंका की टीम बैन हटने तक आईसीसी के किसी भी इवेंट में हिस्सा नहीं ले पाएगी।
श्रीलंकाई सरकार के खेल मंत्री ने हाल ही में पूर्व कप्तान अर्जुन रणतुंगा की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था। रणतुंगा को अंतरिम अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। इसके बाद लग रहा था कि आईसीसी भी बोर्ड की मेम्बरशिप रद्द कर सकती है।
श्रीलंका के खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने सात सदस्यों की एक समिति बनाई है। इसमें कुछ पूर्व जजों को भी शामिल किया गया है। तीन जज और दो महिलाओं सहित सात लोग इस समिति में है। अर्जुन रणतुंगा बोर्ड के अंतरिम अध्यक्ष हैं। यह स खेल मंत्रालय के दखल से हुआ है।
आईसीसी से सम्बन्ध रखने वाले क्रिकेट बोर्ड में सरकारी या राजनीतिक दखल नहीं होना चाहिए, यह शर्तों के तहत आता है। इस वजह से श्रीलंका क्रिकेट को निलंबित किया गया है। इससे पहले भी इस तरह के निलंबन हुए हैं। जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम को भी सस्पेंड किया गया था।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के ऊपर सरकार का हस्तक्षेप भारत से हार के बाद बढ़ा। वहां के नागरिकों ने बोर्ड अध्यक्ष का घर घेर लिया था और आन्दोलन भी किया गया। भारतीय टीम के खिलाफ श्रीलंका को 302 रनों से हार मिली थी। इसके बाद मामला गर्म हो गया था।