नई दिल्ली, इजराइल-हमास के बीच भीषण युद्ध जारी है। अबतक इजराइल की एयरफोर्स ने गाजा की कई प्रमुख इमारतों को बम से उड़ा दिया है। इसके साथ ही अब इजराइल की पैदल सेना गाजा में घुसने की तैयारी कर चुकी है।
हालांकि, गाजा की संकरी गलियों में हमास के लड़ाकों की तलाश इजराइल के लिए इतनी आसान नहीं होगी। आइए जानते हैं क्या हैं वो 5 चुनौतियों जो इजराइली सेना को गाजा में झेलनी पड़ेंगी।
गाजा में जगह की कमी के चलते इमारतें बेहद घनी हैं। इसके साथ ही वहां की सड़कें संकरी हैं। जिन इमारतों पर इजराइल ने बमबारी की उनका मलबा सड़कों पर बिखरा हुआ है। ऐसे में इस मलबे के चलते बख्तरबंद वाहन (IFV), पैदल सेना से लड़ने वाले वाहन और टैंकों के लिए गाजा में नेविगेट करना और भी मुश्किल हो जाएगा।
इजरायली सैनिकों के लिए छोटी-छोटी जगहें बेहद रिस्की होंगी। इसके साथ ही गाजा की इमारतों में घुसने से पहले इजराइली सेना को बेहद सावधानी बरतनी होगी। क्योंकि गाजा पट्टी की छोटी, अंधेरी खिड़कियों वाली ऊंची इमारतों से किसी भी दिशा से स्नाइपर हमले हो सकते हैं।
सीरिया और यूक्रेन में युद्ध से ये सबक मिलता है कि पैदल सेना को एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों और रॉकेट चलित ग्रेनेड (RPG) का उपयोग करने वाली छोटी टीमों द्वारा बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया गया है। ऐसे में इजराइल की पैदल सेना को भी इस चीज से संभलकर रहना होगा।
गाजा में हेलिकॉप्टरों के साथ सैनिकों को उतारना बेहद जोखिम भरा हो सकता है। क्योंकि हमास के पास मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) हो सकता है। वहीं, अगर हेलिकॉप्टर बहुत नीचे उड़ते हैं तो रॉकेट चलित ग्रेनेड भी खतरनाक हो सकते हैं। बता दें कि 1993 में मोगादिशू की लड़ाई में घनी आबादी वाले सोमालियाई शहर के ऊपर कम ऊंचाई पर उड़ते वक्त दो अमेरिकी हेलिकॉप्टरों को मार गिराया गया था।
अगर इजरायली सैनिक गाजा पट्टी में चौतरफा हमले के लिए घुसते हैं तो आम जनता को बचाना एक बड़ी चुनौती होगी। पिछले 15 सालों में पांचवें युद्ध को झेल रहे गाजा के 24 लाख लोगों के लिए खतरा बहुत ज्यादा है। हालांकि, गाजा के लोगों के साथ ही इजरायली फोर्स के लिए भी वहां चुनौतियां कम नहीं हैं।