नयी दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार ने चुनावों से पहले आमलोगों को अपनी और आकर्षित करने के लिए केंद्रीय कैबिनेट बैठक में उज्ज्वला स्कीम (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana – PMUY) के लिए 75 लाख नये LPG कनेक्शन को मंजूरी दे दी गयी है.
केंद्र सरकार ने स्कीम के तहत 1,650 करोड़ रुपये की सब्सिडी मंजूर की है. इससे पहले 30 अगस्त को सरकार ने कैबिनेट की बैठक में 33 करोड़ ग्राहकों के रसोई गैस सिलेंडर के दाम 200 रुपये तक घटा दिए थे. जिसके बाद से उज्जवला योजना के तहत ग्राहकों को 400 रुपये प्रति सिलेंडर सस्ता मिलने लगा था. इसके साथ ही, सरकार ने 75 लाख महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर देने की घोषणा की थी. इसी के तहत आज 1,650 करोड़ रुपये की सब्सिडी को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गयी है. योजना के तहत महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर और चूल्हा मुफ्त देने का एलान किया है. रक्षा बंधन से ठीक एक दिन पहले केंद्र सरकार के इस ऐलान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि ये फैसला रक्षा बंधन पर आम महिलाओं को तोहफे के तौर पर दिया गया है.
केंद्र सरकार के द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2025-26 तक योजना के तहत 1650 करोड़ रुपये खर्च ओएमसी कंपनियों को दिए जाएंगे. उज्जवला योजना के तहत, कंपनी को प्रति कनेक्शन 2200 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. पहला रिफिल यानी खाली सिलेंडर भरवाना और मुफ्त चूल्हे का जिसका खर्च OMCs का खर्च केंद्र सरकार के खाते से होगा. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछली कैबिनेट की बैठक के बाद बताया था कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर अब 703 रुपये में मिलेगा. ठाकुर ने कहा कि इस पहल का मकसद परिवारों को राहत उपलब्ध कराना है. इसके साथ सरकार उज्ज्वला योजना के तहत 75 लाख परिवारों को नये एलपीजी कनेक्शन देगी. इससे प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की संख्या 10.35 करोड़ हो जाएगी. इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रसोई गैस की कीमतों में कटौती से महिलाओं की सहूलियत बढ़ेगी तथा उनका जीवन और भी आसान होगा.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत ग्राहकों को 200 रुपये प्रति सिलेंडर एलपीजी सब्सिडी दी जा रही है, उसकी लागत चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 7,680 करोड़ रुपये बैठेगी. उज्ज्वला लाभार्थी केवल 9.6 करोड़ हैं, जबकि 33 करोड़ उपभोक्ता खाना पकाने के लिये रसोई गैस का उपयोग करते हैं. सरकार ने जून, 2020 में एलपीजी पर सब्सिडी देना बंद कर दिया था. देशभर में रसोई गैस की कीमत का निर्धारण बाजार आधारित था. इससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,103 रुपये हो गई है, जिसमें अब 200 रुपये की कमी होगी. एकमात्र सब्सिडी उज्ज्वला योजना के लाभार्थिेयों को मिल रही थी. सरकार एक साल में 12 सिलेंडर भरवाने पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी देती है. सरकार अगर कीमतों में 200 रुपये की कटौती का बोझ खुदरा पेट्रोलियम कंपनियों पर नहीं डालकर स्वयं वहन करती है, तो इसका मतलब है कि सब्सिडी व्यवस्था वापस लायी गयी है.
उज्जवला योजना (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana – PMUY) एक भारत सरकार की सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य है गरीब वर्ग की महिलाओं को लिखित अधिकार के रूप में रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करना. यह योजना पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (Ministry of Petroleum and Natural Gas) के तत्वाधीन है. योजना के अंतर्गत, योजनार्थियों को सब्सिडी और छूटों का लाभ भी प्रदान किया जाता है. इससे महिलाओं को वनस्पति तेल और खाद्य को गैस पर पकाने के लिए उपयोग करने में सुरक्षा और स्वच्छता का लाभ होता है. यह योजना भारत भर में उपयोगी है और गरीब और वंचित वर्गों के लाखों महिलाओं को उनके घर में सुरक्षित रसोई गैस प्रदान करने के लिए काम कर रही है..
जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में मदद करना, क्योंकि ऐतिहासिक रूप से लकड़ीयों ने खाने का पाक तैयार करने के लिए बायटलिंग और लकड़ी जलाने का अनुभव किया है.
केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि ये निर्णय लोगों पर वित्तीय बोझ को कम करने और उनकी बेहतरी के लिये सरकार की तरफ से जारी प्रयासों का हिस्सा है. रसोई गैस के दाम में कमी नागरिकों की भलाई को प्राथमिकता देने और उचित दरों पर आवश्यक वस्तुओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.