TATA Group की विरासत संभालने आ रहा है एक बड़ा नाम, जानिए रतन टाटा से क्या रिश्ता

नई दिल्ली, टाटा ग्रुप की विरासत देश के साथ विदेशों में फैला हुआ है. टाटा ग्रुप का ये कारोबार अब अगली पीढ़ी को सौंपा जा रहा है. इस पीढ़ी में माया टाटा शामिल हैं, जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे.यह रतन टाटा की सौतेली भतीजी हैं और सिमोना टाटा की पोती हैं.

रतन टाटा के सौतेली भतीजी माया टाटा 34 साल की हैं और सुर्खियों से काफी दूर रहती हैं. हाल ही में टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट के बोर्ड मेंम्बर के रूप में माया टाटा को अपने भाई बहन लिआ और नेविल के साथ शामिल किया गया है. यह दिग्गज बिजनेसमैन रतन टाटा द्वारा अरबों डॉलर की कमान संभालने के​ लिए तैयार की जा रही हैं.

कौन हैं माया टाटा

रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा की बेटी और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की बहन आलू मिस्त्री के घर माया टाटा का जन्म हुआ था. माया टाटा नवल टाटा और उनकी दूसरी पत्नी सिमोन टाटा की पोती हैं. उनकी दादी सिमोना टाटा ने लैक्में एंड ट्रेंट्स की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई थी.

माया टाटा ने यूके के बेयस बिजनेस स्कूल और वारविक विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने टाटा कैपिटल की सहायक कंपनी टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड में शामिल होकर बिजनेस सेक्टर में एंट्री ली थी. माया टाटा ने पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और निवेशक रिलेटेड बिजनेस में अपने कौशल को निखारा है, जिससे कॉर्पोरेट जगत की जटिल गतिशीलता के बारे में उनकी समझ मजबूत हुई है.

टाटा डिजिटल में कारोबार

टाटा अपॉर्चुनिटीज फंड के बंद होने के बाद माया के करियर में नया मोड आया. इसके बाद वे टाटा ग्रुप की सहायक कंपनी टाटा डिजिटल से जुड़ी. एन चंद्रशेखरन के लीडर में समूह ने टाटा डिजिटल के प्रयासों के लिए 1,000 करोड़ रुपये की पर्याप्त राशि आवंटित की थी. टाटा डिजिटल के साथ माया टाटा की भागीदारी टाटा न्यू ऐप के लॉन्च के साथ हुई. यह यूजर्स को अलग अनुभव प्रदान करता है.

टाटा ग्रुप में माया टाटा के उत्थान के लिए सौतेले चाचा रतन टाटा के द्वारा मार्गदर्शन किया जा रहा है. माया टाटा को रतन टाटा ने टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट के बोडै में माया का उसके भाई—बहनों लिआ और नेविल के साथ शामिल किया गया है.

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