लखनऊ, उत्तर प्रदेश में बिना मान्यता वाले स्कूलों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करने जा रही है तथा ऐसे स्कूल जो पूर्व में हुई कार्रवाई के बाद भी संचालित किए जा रहे हैं। उन पर एफआईआर दर्ज होगी। सरकार बिना मान्यता वाले ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने जा रही है।
इसके तहत ऐसे विद्यालयों के प्रबन्धन के साथ-साथ उस स्कूल के प्रधानाध्यापक के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज होगा। इस संबंध में शासन ने सभी डीएम के साथ-साथ जिला विद्यालय निरीक्षक एवं बेसिक शिक्षा अधिकारियों को मंगलवार को आदेश जारी किए हैं।
आदेश में कहा गया है कि जिलों में बिना मान्यता के संचालित स्कूलों के खिलाफ एक बार फिर से बड़ा अभियान चलाया जाए। इसमें ऐसे स्कूलों को सबसे पहले चिन्हित किया जाए जिन पर मान्यता नहीं होने के कारण पूर्व में कार्रवाई हो चुकी है और वह फिर से खुल चुके हैं। यह भी कहा गया है कि इस अभियान में शिक्षक संगठन की भी सहायता ली जा सकती है। क्योंकि कई संगठनों ने समय-समय पर इस मुद्दे पर शासन को विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई है। ऐसे में शिक्षक संगठनों का सहयोग कारगर साबित हो सकता है।
आदेश में कहा गया है कि विनियमों के अध्याय -सात के विनियम 11 (क) में उल्लिखित प्रावधानों के तहत शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों को केवल मान्य वर्ग व विषयों में छात्र-छात्राओं का प्रवेश लिया जाएगा। अन्य किसी भी संस्था द्वारा किसी भी अमान्य संस्था से अनधिकृत विद्यार्थियों का प्रवेश लिया जाना अनियमित और अवैध है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि जिले में बिना मान्यता के कोई भी स्कूल संचालित न हो यह सुनिश्चित करना अब अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी। यह भी आदेश दिए गए हैं कि आपसी सामन्जस्य के साथ जिलों में बिना मान्यता वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ा अभियान चलाया जाए। इसमें दूर-दराज के इलाकों पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित किए जाने की जरूरत है। शहरी हो या ग्रामीण इलाका सभी जगहों पर अवैध रूप से चल रहे शिक्षण संस्थानों के विरुद्ध समवेत कार्रवाई की जाए।